6 दिसंबर 1956 को डा. भीम राव आम्बेडकर का महापरिनिर्वाण दिल्ली में हुआ तब तत्कालीन बंबई (अब मुम्बई) का दादर चौपाटी उनके अंतिम संस्कार के लिए चुना गया। यह भारतीय इतिहास में सरदार पटेल के अंतिम संस्कार (1950) के बाद दूसरा ऐसा अंतिम संस्कार था, जहां सर्वाधिक लोग उमड़े। यह अब चैत्यभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। तब से हर वर्ष ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ पर डा. आंबेडकर को मानने वाले लाखो लोग अपनी श्रद्धा प्रकट करने यहां उमड़ते हैं। 5 दिसंबर 1971 को डा. आंबेडकर की पुत्रवधु मीरा आंबेडकर ने चैत्य भूमि को लोकार्पित किया।




(फारवर्ड प्रेस के दिसम्बर 2014 अंक में प्रकाशित)
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