h n

अखिल भारतीय अनुसूचित जाति, जनजाति संघ द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन

अखिल भारतीय अनुसूचित जाति, जनजाति संघ ने कनॉट प्लेस में सम्मान समारोह आयोजित किया, मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समारोह में शिरकत की

img_2108नई दिल्ली: अखिल भारतीय अनुसूचित जाति, जनजाति संघ ने कनॉट प्लेस में सम्मान समारोह आयोजित किया, मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समारोह में शिरकत की। इस समारोह में दलित समाज के सभी संगठनों के प्रमुख शामिल हुए। कार्यक्रम का लक्ष्य दलित मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान खींचना था। समारोह में विभिन्न सरकारी संस्थानों और दलित समाज के संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए जिनमें बीएस भारतीए एपी सिंह, मनोज गोरकेला, महेंद्र सिंह बढग़ुजर, सीबी रावत व दिल्ली विद्युत बोर्ड, इनकम टैक्स, रेलवे, एलआईसी और विभिन्न बैंकों के ट्रेड यूनियन नेता शामिल थे। कार्यक्रम में निचले तबके की विभिन्न समस्याओं को दूर करने व उनके राजनीतिक व आर्थिक सशक्तीकरण पर चर्चा हुई। साथ ही उनकी सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए बाबा साहेब आम्बेडकर के विचारों को व्यवहारिक रूप से अपनाने पर बल दिया।

(फारवर्ड प्रेस के मार्च, 2015 अंक में प्रकाशित )


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, सस्‍क‍ृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +919968527911, ईमेल : info@forwardmagazine.in

लेखक के बारे में

शीतल सरोहा

संबंधित आलेख

सवर्ण व्यामोह में फंसा वाम इतिहास बोध
जाति के प्रश्न को नहीं स्वीकारने के कारण उत्पीड़ितों की पहचान और उनके संघर्षों की उपेक्षा होती है, इतिहास को देखने से लेकर वर्तमान...
त्यौहारों को लेकर असमंजस में क्यों रहते हैं नवबौद्ध?
नवबौद्धों में असमंजस की एक वजह यह भी है कि बौद्ध धर्मावलंबी होने के बावजूद वे जातियों और उपजातियों में बंटे हैं। एक वजह...
संवाद : इस्लाम, आदिवासियत व हिंदुत्व
आदिवासी इलाकों में भी, जो लोग अपनी ज़मीन और संसाधनों की रक्षा के लिए लड़ते हैं, उन्हें आतंकवाद विरोधी क़ानूनों के तहत गिरफ्तार किया...
ब्राह्मण-ग्रंथों का अंत्यपरीक्षण (संदर्भ : श्रमणत्व और संन्यास, अंतिम भाग)
तिकड़ी में शामिल करने के बावजूद शिव को देवलोक में नहीं बसाया गया। वैसे भी जब एक शूद्र गांव के भीतर नहीं बस सकता...
ब्राह्मणवादी वर्चस्ववाद के खिलाफ था तमिलनाडु में हिंदी विरोध
जस्टिस पार्टी और फिर पेरियार ने, वहां ब्राह्मणवाद की पूरी तरह घेरेबंदी कर दी थी। वस्तुत: राजभाषा और राष्ट्रवाद जैसे नारे तो महज ब्राह्मणवाद...