केन्द्रीय शिक्षण संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2006, के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) छात्रों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। सरकार ने छात्रों की भर्ती 54 प्रतिशत बढ़ा दी है ताकि अनारक्षित वर्ग को जाने वाली सीटों में कमी न हो। सरकार ने बुनियादी सुविधाओं और अध्यापकों की संख्या को बढ़ाने के लिए करोड़ों खर्च किए ताकि उच्च शिक्षा के भारी-भरकम विस्तार से पैदा हुई चुनौतियों का सामना किया जा सके। यह इसलिए किया गया कि उन समुदायों का सशक्तिकरण किया जा सके जिन्हें सदियों तक शिक्षा से और सामाजिक रूप से आगे बढऩे के अधिकार से वंचित रखा गया। लेकिन जमीनी हकीकत चौंका देने वाली है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई संबद्ध कॉलेजों से आरटीआई आवेदन पत्रों के द्वारा जो जानकारी प्राप्त हुई है उससे पता चलता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 31 संबद्ध कॉलेजों में ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षित 55 प्रतिशत सीटों पर ओबीसी छात्रों को भर्ती नहीं किया गया।
कुल ओबीसी सीटें – 7059
कुल ओबीसी दाखिले – 3158
कुल खाली ओबीसी सीटे – 3901 (55.26%)
कुल पाया गया अनुदान – 203,39,50,186
कुल मंजूरशुदा पद – 905
तालिका 1 से पता चलता है कि इन कॉलेजों में ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षित 7,059 सीटों में से 3,901 खाली छोड़ दी गईं। इन्हीं कॉलेजों को 203 करोड़ रुपयों का अनुदान दिया गया था और यहाँ अध्यापकों के 900 से अधिक पदों को मंजूरी दी गई थी। अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से आधे कॉलेजों ने सामान्य वर्ग में 30 प्रतिशत अधिक दाखिले किए हैं। इसका अर्थ यह है कि ओबीसी छात्रों को सीटें देने की बजाय, इन कॉलेजों ने सामान्य वर्ग के छात्रों को प्रवेश दिया है।
इस दुखद स्थिति के लिए काफी हद तक सर्वोच्च न्यायलय का वह निर्णय जिम्मेवार है जिसके अनुसार ओबीसी प्रत्याशी को दाखिल किए गए आखिरी सामान्य वर्ग प्रत्याशी के मुकाबले कट-ऑफ अंकों में केवल 10 प्रतिशत की ढील दी जाएगी।
आँकड़ों पर नजर भी डाली जाए तो किसी भी निष्पक्ष पर्यवेक्षक की आँखें खुल जाएँगी। हमारे देश के विश्वद्यिालयों में सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा। हमें एक विशाल आंदोलन की जरूरत है ताकि हमारे समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित किए जा सकें।
आरक्षित श्रेणी कोटा में सबसे अधिक सीटें ओबीसी कोटा में उपलध हैं जिनके लिए प्रवेश प्रक्रिया सामान्य वर्ग जैसी ही है। जो प्रत्याशी ओबीसी श्रेणी में दाखिला लेना चाहते हैं उन्हें कोई प्री-एडमिशन फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में ओबीसी दाखिले 2010—11
तालिका 1 : दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों को प्राप्त सरकारी अनुदान बनाम ओबीसी विद्यार्थियों को प्रवेश
कॉलेज का नाम | ओबीसी की सीटें | अन्य पिछड़ा वर्ग के दाखिले | ओबीसी सीटें खाली & प्रतिशत | अनुदान प्राप्त | पद स्वीकृत |
---|---|---|---|---|---|
1. अदिति महाविद्यालय * | 223 | 81 | 142 (63.68%) | --- | --- |
2. दौलत राम * | 174 | 70 | 104 (59.77%) | 9,87,25,000 | 62 |
3. दीन दयाल उपाध्याय * | 197 | 170 | 27 (13.70%) | --- | 39 |
4. कला और वाणिज्य दिल्ली कॉलेज | 155 | 90 | 65 (41.93%) | 5,69,00,000 | 17 |
5. गार्गी | 366 | 181 | 185 (50.55%) | 10,76,00,000 | 38 |
6. हंसराज * | 307 | 267 | 40 (13.02%) | 34,00,000 | 63 |
7. हिंदू | 252 | 155 | 97 (38.49%) | 8,23,25,000 | 44 |
8. गृह अर्थशास्त्र | 138 | 24 | 114 (82.61%) | 5,46,00,000 | --- |
9. इंद्रप्रस्थ | 273 | 65 | 208 (76.19%) | 15,61,00,000 | 57 |
10. जानकी देवी मेमोरियल * | 255 | 53 | 202 (79.21%) | 7,43,00,000 | 28 |
11. कमला नेहरू* | 232 | 67 | 165 (71.12%) | 7,65,00,000 | 12 |
12. केशव महाविद्यालय * | 139 | 52 | 87 (62.59%) | --- | 32 |
13. लेडी इरविन | 266 | 110 | 156 (58.65%) | 8,39,25,000 | 25 |
14. लेडी श्री राम | 203 | 70 | 133 (65.52%) | 8,17,25,000 | 23 |
15. लक्ष्मीबाई | 350 | 105 | 245 (70%) | 10,59,83,835 | 78 |
16. महाराजा अग्रसेन | 171 | 108 | 63 (36.84%) | --- | --- |
17. मैत्रेयी * | 259 | 197 | 62 (23.94%0) | 9,53,00,000 | 59 |
18. माता सुन्दरी* | 225 | 15 | 210 (93.33%) | --- | --- |
19. मिरांडा | 274 | 163 | 111 (40.51%) | 11,07,91,351 | 31 |
20. मोतीलाल नेहरू (ई) | 182 | 42 | 140 (76.92%) | 6,97,00,000 | 7 |
21. पीजीडीएवी * | 259 | 109 | 150 (57.92%) | 9,61,00,000 | 12 |
22. राजधानी * | 254 | 197 | 57 (22.44%) | 9,32,25,000 | 56 |
23. राम लाल आनंद (ई) * | 182 | 110 | 72 (39.56%) | 6,28,25,000 | 40 |
24. रामजस | 361 | 119 | 242 (67.04%) | 14,77,00,000 | 39 |
25. सत्यवती (ई) | 218 | 145 | 73 (31.48%) | 7,04,00,000 | 24 |
26. शहीद भगत सिंह | 255 | 96 | 159 (62.35%) | 7,57,00,000 | 15 |
27. शहीद राजगुरु | 58 | 22 | 36 (62.06%) | --- | --- |
28. श्यामा प्रसाद मुखर्जी | 337 | 89 | 248 (73.59%) | 10,46,00,000 | 31 |
29. श्री अरबिंदो* | 261 | 108 | 153 (58.62%) | 5,44,25,000 | 57 |
30. वोकेशनल स्टडीज | 230 | 78 | 152 (66.09%) | 7,11,00,000 | 25 |
*वे कालेज जिनमें सामान्य वर्ग के प्रवेशित विधार्थियों की संख्या निर्धारित कोटे से 30% या उससे ज्यादा अधिक है.
उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि ऊपर दिए गए 31 कालेजों में ओबीसी आरक्षण का वास्तविक प्रतिशत (27 के विरुद्ध) 12 था क्योंकि 27% सीटों में से 55.26% अर्थात लगभग 15% खाली रहीं।
एन किरोड़ीमल और श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स इस सूची में नहीं हैं क्योंकि वहां स्वीकृत विद्यार्थी संख्या के अनुरूप आवश्यक संख्या में ओबीसी विधार्थियों की भर्ती कर ली गयी है. परन्तु चूँकि इन कालेजों में प्रवेशित सामान्य श्रेणी के विधार्थियों की संख्या, निर्धारित कोटे से 40% या उससे ज्यादा अधिक है इसलिए ओबीसी विद्यार्थियों का वास्तविक प्रतिशत 27 से कम है। किरोड़ीमल कॉलेज को रू 12,20,46,997 का अनुदान मिला है और वहां ओबीसी विस्तार के लिए 71 शैक्षणिक पद स्वीकृत किये गए हैं। श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स को 1,29,00,000 रुपये अनुदान के रूप में प्राप्त हुए हैं व 37 शैक्षणिक पद स्वीकृत किये गए हैं।
यह डाटा दिल्ली विश्वविद्यालय के ओबीसी अध्यापकों के एक संगठन अकैडमिक फोरम फॉर सोशल जस्टिस द्वारा डाले गए आरटीआई आवेदनों के द्वारा प्राप्त हुआ है। पाँच साल पहले जब इसकी स्थापना हुई थी तब से यह फोरम दलित एवं पिछड़े वर्गों तथा अल्पसंख्यक समुदायों के अध्यापकों और छात्रों की समस्याओं से संबंधित मुद्दों पर काम कर रहा है। डॉ. केदार कुमार मंडल (असिस्टेंट प्रौफेसर, दयाल सिंह कॉलेज) इसके अध्यक्ष हैं तथा डॉ. हनी बाबू (असोसिएट प्रौफोसर, अंग्रेजी विभाग, hany.babu@gmail.com ) इस फोरम के महासचिव हैं।
तालिका 2 : वे कॉलेज जिनमें ओबीसी के लिए निर्धारित सीटों में से 50 प्रतिशत से कम भरी गयीं
कॉलेज का नाम | ओबीसी की सीटें | अन्य पिछड़ा वर्ग के दाखिले | ओबीसी सीटें खाली & प्रतिशत | अनुदान प्राप्त | पद स्वीकृत |
---|---|---|---|---|---|
1. माता सुन्दरी* | 225 | 15 | 210 (93.33%) | --- | --- |
2.गृह अर्थशास्त्र | 138 | 24 | 114 (82.61%) | 5,46,00,000 | --- |
3.जानकी देवी मेमोरियल | 255 | 53 | 202 (79.21%) | 7,43,00,000 | 28 |
4.मोतीलाल नेहरू (ई) | 182 | 42 | 140 (76.92%) | 6,97,00,000 | 7 |
5.इंद्रप्रस्थ | 273 | 65 | 208 (76.19%) | 15,61,00,000 | 57 |
6.श्यामा प्रसाद मुखर्जी | 337 | 89 | 248 (73.59%) | 10,46,00,000 | 31 |
7.कमला नेहरू | 232 | 67 | 165 (71.12%) | 7,65,00,000 | 12 |
8.लक्ष्मीबाई | 350 | 105 | 245 (70%) | 10,59,83,835 | 78 |
9.रामजस | 361 | 119 | 242 (67.04%) | 14,77,00,000 | 39 |
10. वोकेशनल स्टडीज | 230 | 78 | 152 (66.09%) | 7,11,00,000 | 25 |
11.लेडी श्री राम | 203 | 70 | 133 (65.52%) | 8,17,25,000 | 23 |
12.अदिति महाविद्यालय | 223 | 81 | 142 (63.68%) | --- | --- |
13. केशव महाविद्यालय | 139 | 52 | 87 (62.59%) | --- | 32 |
14. शहीद भगत सिंह | 255 | 96 | 159 (62.35%) | 7,57,00,000 | 15 |
15. शहीद राजगुरु | 58 | 22 | 36 (62.06%) | --- | --- |
16. दौलत राम | 174 | 70 | 104 (59.77%) | 9,87,25,000 | 62 |
17.लेडी इरविन | 266 | 110 | 156 (58.65%) | 8,39,25,000 | 25 |
18.श्री अरबिंदो | 261 | 108 | 153 (58.62%) | 5,44,25,000 | 57 |
19.भीम राव अंबेडकर | 470 | 197 | 273 (58.05%) | --- | 40 |
20.पीजीडीएवी | 259 | 109 | 150 (57.92%) | 9,61,00,000 | 12 |
21.गार्गी | 366 | 181 | 185 (50.55%) | 10,76,00,000 | 38 |
माता सुंदरी ने अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग के समक्ष रिट याचिका दायर कर रखी है। परन्तु कॉलेज ने सामान्य श्रेणी में भर्ती का प्रतिशत निर्धारित संख्या से लगभग 65% ज्यादा है।
(फारवर्ड प्रेस के जून, 2011 अंक में प्रकाशित )