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Devendra Sharan

रोज केरकेट्टा, एक विद्वान लेखिका और मानवाधिकार की उद्भट सिपाही
रोज दी जितनी बड़ी लेखिका थीं और उतनी ही बड़ी मानवाधिकार के लिए लड़ने वाली नेत्री भी थीं।...
सावित्रीबाई फुले की कविताओं के इतिहासपरक संदर्भ
सावित्रीबाई फुले की कुशाग्रता का परिचय इतिहास की उनकी गहरी समझ से मिलती है। उन्होंने शूद्र शब्द का...
दो महीने तक लंबे विचार-विमर्श के बाद सिदो ने छेड़ा था हूल
ई.जी. मान का विचार है कि हूल की जमीन 1832 से ही तैयार होने लगी थी। सन् 1832...
इतिहास के आईने में ‘जाति’
फाहियान ने वर्णन किया है कि गुप्तकाल में एक अस्पृश्य वर्ग था। स्मृतियों में शूद्रों और अस्पृश्यों में...
पुरुषोत्तम अग्रवाल के कबीर
इतिहास लेखन से पहले इतिहासकार क्या लिखना चाहता है, उसकी परिकल्पना कर लेता है और अपनी परिकल्पना के...
दलित पैंथर : जिसका नाम सुनते ही फड़कने लगती थीं असंख्य भुजाएं
दलित पैंथर आंदोलन की शुरुआत 29 मई, 1972 को हुई और तीन साल के भीतर इसके नाम अनेक...
आंबेडकर, जिन्होंने इतिहास की टूटी कड़ियों को जोड़ा
डॉ. आंबेडकर की इतिहास की दृष्टि विश्व समेत भारत के इतिहास की घटनाओं का समुचित आकलन करने में...
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