बीते 11 मार्च को मध्यप्रदेश के धार जिले के मनावर तहसील के सोंडुल गांव में अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के नजदीक बड़ी संख्या में आदिवासी जुटे। आदिवासी महापंचायत का आयोजन जय आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) ने किया था। इस मौके पर वक्ताओं ने जल, जंगल, जमीन और अपनी संस्कृति-अपनी पहचान के अधिकार को लेकर बातें कही। साथ ही अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी द्वारा 32 गांवों में किये जा रहे जमीन अधिग्रहण के खिलाफ भी प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम दिया। इसके अलावा पांचवी अनुसूची लागू कराने को लेकर असंवेदनशील रहने के लिए आदिवासी सांसदों र विधायकों को चेतावनी दी गयी।

महापंचायत के दौरान वक्ताओं ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की तथा आदिवासियों की जमीन के अधिग्रहण, समुचित मुआवजा, उनके पुनर्वास के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा। वक्ताओं में महाराष्ट्र से सतीश पेंदाम (बिरसा ब्रिगेड), गुजरात से विधायक छोटूभाई वसावा एवं महेशभाई वसावा (भिलिस्तान टाइगर सेना), राजस्थान से भंवरलाल परमार (आदिवासी परिवार), झारखंड से विक्टर माल्टो, दिल्ली से बी. के. मनीष, तेलंगाना से नरसिम्हा कतराम, आनंद मेश्राम, डिंडोरी से श्याम कुमारी, नीलकरण राज ठाकुर, हरदा से केदार सिरोही, छत्तीसगढ़ से डॉ.अनूप धुर्वे, महाकौशल से राजेंद्र पट्टा, मंडला से भूपेंद्र वरकड़े, डॉ. अशोक मर्स्कोले, डॉ. रितु पेंद्रो, निमाड़ से शिवभानू मंडलोई और मध्यप्रदेश के धार जिले के आदिवासी समाज अध्यक्ष सुखलाल जी रणदा दादा आदि के अलावा व्यापमं घोटाले को उजागर करने वाले डॉ.आनंद राय, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के वकील अभिनव धनोड़कर भी शामिल रहे।

अपने मुख्य संबोधन में जयस के मुख्य संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा ने अल्ट्राटेक सीमेट कंपनी द्वारा 32 गांवों के विस्थापन का मुद्दा उठाया। उन्होने आदिवासियों को पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति करने वाले लोगो पर सजग रहने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने बाबा रामदेव को आदिवासियों से सस्ते दर पर जड़ी बूटी खरीदकर महंगे दामों पर बेचने वाला व्यापारी बताया। डॉ. अलावा ने आदिवासियों को एकजुट होकर 5वी अनुसूची की लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया। साथ ही आदिवासी विधायकों व सांसदों को आदिवासियों की वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें जमकर लताड़ा। उन्होंने आदिवासियों से ऐसे जनप्रतिनिधियों को दुबारा नहीं चुनने की शपथ दिलायी। आदिवासी परिवार के भंवरलाल परमार ने अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी पर 5वी अनुसूचित क्षेत्र में घुसपैठ करने का आरोप लगाया।
वक्ताओं सवाल किया कि पांचवीं अनुसूची के क्षेत्र में बिना ग्रामसभा के सहमति के गाँव में किराना दूकान भी नही लग सकती तो अल्ट्राटेक सीमेंट की कम्पनी कैसे लगा दिया गया। आदिवासी नेताओं ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि आदिवासियों की जमीन वापस नहीं की गयी तो आने वाले चुनाव में भाजपा की शिवराज सरकार को सबक सिखा देंगे।

महापंचायत के आयोजन में धार जिले की मनावर, उमरबन, धरमपुरी, धामनोद, कुक्षी, डही, बाग, टांडा, गंधवानी, सरदारपुर, बदनावर, धार, पीथमपुर, नालछा जयस टीमों ने दिन-रात मेहनत की। इनके अलावा इंदौर, देवास, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, आगर मालवा, शाजापुर, सीहोर, भोपाल, रायसेन, विदिशा, बैतूल, होशंगाबाद, छिन्दवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, रीवा, जबलपुर आदि की टीमों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। साथ ही एसीएस, बिरसा ब्रिगेड, नाजी, आयुस, आकास, अजाक्स , आदिवासी एकता परिषद, आदिवासी परिवार, बीटीएस, गोंडवाना महासभा, बामसेफ, भीम सेना, अम्बेडकर टाईगर फोर्स, भील, पटेलिया, बारेला, भिलाला, गोंड, कोरकू, सहरिया, बैगा, बलाई समाज, आदि एवम अन्य सामाजिक संगठनों की सक्रियता भी सराहनीय रही।
मंच का संचालन प्रो. रेखा वास्कले और अरविंद मुझाल्दा ने किया।
इनपुट – जितेन्द्र एस्के, रविराज बघेल, जगदीश महावी, ध्रुव चौहान, रितु पेंड्रो, अजित मार्को, रवींद्र गोंड, दिनेश जमरे
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