हाथरस, उत्तर प्रदेश की बेटी मनीषा के साथ हुई दरिंदगी की घटना से मैं बेहद सदमे में हूं। आखिर क्या कारण है कि लड़कियों के साथ बलात्कार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं? आखिर क्या कारण है कि कानून का डर समाप्त हो गया है? और आखिर क्या कारण है कि सत्तर साल में भी भारत का लोकतंत्र दलित जातियों को आत्मनिर्भर नहीं बना सका? क्यों वे आज भी स्वतंत्रता महसूस नहीं करते, क्यों वे आज भी कमजोर वर्ग बने हुए हैं?
लेखक के बारे में

कंवल भारती
कंवल भारती (जन्म: फरवरी, 1953) प्रगतिशील आंबेडकरवादी चिंतक आज के सर्वाधिक चर्चित व सक्रिय लेखकों में से एक हैं। ‘दलित साहित्य की अवधारणा’, ‘स्वामी अछूतानंद हरिहर संचयिता’ आदि उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं। उन्हें 1996 में डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा 2001 में भीमरत्न पुरस्कार प्राप्त हुआ था।