h n

सत्यशोधक दिवस के मौके पर होगा ‘गुलामगिरी’ का लोकार्पण

फारवर्ड प्रेस द्वारा प्रकाशित ‘गुलामगिरी’ जल्द ही बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। मूल मराठी से बेहतर अनुवाद व संदर्भ-टिप्पणियों से समृद्ध इस किताब का लोकार्पण आगामी 24 सितंबर, 2021 (सत्यशोधक दिवस) को शाम छह बजे से होगा। इस मौके पर भरत पाटणकर, सुधा अरोड़ा, अनिता भारती, कांचा इलैया शेपर्ड, प्रेमकुमार मणि और चौथीराम यादव खास मेहमान होंगे

आगामी 24 सितंबर, 2021 को यानी सत्यशोधक दिवस के मौके पर शाम 6 बजे जोतीराव फुले द्वारा लिखित ‘गुलामगिरी’ (संदर्भ-टिप्पणियां सहित) का ऑनलाइन लोकार्पण किया जाएगा। इस कार्यक्रम को फारवर्ड प्रेस के फेसबुक पेज पर सीधे प्रसारित किया जाएगा। इस किताब को हाल ही में दिवंगत गेल ऑम्वेट को समर्पित किया गया है, जिन्होंने बहुजनों के विमर्श के केंद्र में फुले के विचारों को स्थापित किया और विश्व समुदाय के समक्ष भारतीय बहुजन अवधारणाओं को प्रस्तुत किया।

पूरा आर्टिकल यहां पढें : सत्यशोधक दिवस के मौके पर होगा ‘गुलामगिरी’ का लोकार्पण

लेखक के बारे में

एफपी डेस्‍क

संबंधित आलेख

आंखन-देखी हाल बतातीं रजत रानी मीनू की कहानियां
रजत रानी मीनू की कहानियां यथार्थवादी हैं। वह घटनाओं का उसी रूप में चित्रण करती हैं, जिस रूप में वे घटती हैं। वह उनको...
संग्रहणीय दस्तावेज ‘आंबेडकर इन लंदन’
‘एक कानूनविद के तौर पर आंबेडकर’ लेख मे विस्तारपूर्वक उनकी पढ़ाई और फिर भारत लौटने पर उनके कानूनी लड़ाई के विषय मे बताया गया...
मिहनतकशों के साहित्यकार रेणु
रेणु ने हिंदी में रिपोर्ताज विधा को जिस शिखर पर पहुंचाया, उसकी बराबरी आज तक कोई नहीं कर सका है। अपने पहले ही रिपोर्ताज...
हरियाणवी समाज के प्रदूषक लोक कवि लखमी चंद
लखमी चंद की रागनियां पूरी तरह ब्राह्मणवादी और सामंतवादी आचार-विचारों और मूल्यों की स्थापना करती हैं। वह वेद-शास्त्रों, पुराणों और खासकर मनुस्मृति के अनुसार...
भाषा और साहित्य के विकास में पिछड़ों-दलितों का अहम योगदान
उल्लेखनीय है कि लिपियों का आविष्कार विद्वानों ने नहीं, चित्रकार और मूर्तिकारों ने किया। भारत ही नहीं, दुनिया की किसी भी सभ्यता में लिपि...