जब भी आज़ादी की वर्षगांठ पर चर्चा होती है, तो दक्षिण और वाम दोनों खेमों के लोग अलग-अलग तरह से बातें करते हैं। दक्षिण खेमा जहां खुशी से उन्मत्त होता है, वहीं वाम खेमा कहता है कि यह आज़ादी झूठी है। इसमें ईमानदार अभिव्यक्ति दक्षिण खेमे की है, और वाम खेमे की अभिव्यक्ति दोहरेपन की है। हकीकत यह है कि दोनों खेमों के मुखिया ब्राह्मण हैं, जो भारत के सबसे आजाद प्राणी हैं, शासक वर्ग हैं और जिनके लिए सकल पदार्थ आसानी से सुलभ हैं।
लेखक के बारे में

कंवल भारती
कंवल भारती (जन्म: फरवरी, 1953) प्रगतिशील आंबेडकरवादी चिंतक आज के सर्वाधिक चर्चित व सक्रिय लेखकों में से एक हैं। ‘दलित साहित्य की अवधारणा’, ‘स्वामी अछूतानंद हरिहर संचयिता’ आदि उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं। उन्हें 1996 में डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा 2001 में भीमरत्न पुरस्कार प्राप्त हुआ था।