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Amita Shereen

जाति-पितृसत्ता-विपन्नता से संघर्ष की व्यथा गाथा (संदर्भ सुशीला टाकभौरे की आत्मकथा)
भारतीय समाज में जाति और गरीबी आपस में गुत्थमगुत्था हैं। दोनों को अलगाना बहुत मुश्किल है। लेकिन जाति...
‘बवंडरों के बीच’ : कौशल पंवार के संघर्ष की दास्तान
जहां एक ओर अन्य महिला दलित आत्मकथाएं अपने साथ पूरे समाज की कहानी समग्रता में कहती हैं। ऐसे...
दोहरा अभिशाप : कौसल्या बैसंत्री की आत्मकथा
कौसल्या बैसंत्री लड़कपन से ही डॉ. आंबेडकर के प्रभाव में आ गई थीं। वह लिखती हैं कि उन्होंने...
करुक्कू : एक दलित ईसाई महिला की आत्मकथा
बामा के गांव में लोगों के नाम भी उनकी जाति, रंग, घट चुकी किसी घटना या व्यवहार के...
‘आलोकुठि’ में मारीचझांपी का जख्म भी, सियासत भी
इस देश में न जाने कितने जलियांवाला बाग़ कांड इतिहास की परतों में दफ्न हैं। ज़ाहिर है दशकों...
‘बेड़ियां, जो हमने तोड़ीं’ : दलित लेखिका बेबी कांबले की आत्मकथा
हम ऊपरी तौर पर दलितों के जीवन से कितनी भी सहानुभूति रख लें, लेकिन एक समुदाय के रूप...
‘द ग्रिप ऑफ़ चेंज’ एंड ‘ऑथर्स नोट्स’ : एक दलित स्त्री का बेजोड़ लेखन व आत्मावलोकन
शिवकामी अपने उपन्यास ‘द ग्रिप ऑफ़ चेंज’ में दलित आंदोलन की सीमाओं को रेखांकित हैं और नारीवादी दृष्टिकोण...
दलित कवियित्री सुकीरथरणी ने अडाणी के विरोध में ठुकराया सम्मान
'हालांकि नास्तिक होने की वजह से मैं देवी के नाम पर मिलने वाले सम्मान को लेने से हिचक...
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