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Karmanand Arya

यूपी में आखिर क्यों हार गयीं दलित-बहुजन पार्टियां?
संविधान और डॉ.आंबेडकर के विचारों को आधार बनाकर राजनीति करने वाली इस पार्टी में लोकतंत्र गायब होता गया...
प्रतिरोध की जमीन तैयार करतीं दलित कविताएं
नरेंद्र वाल्मीकि व्यवस्था परिवर्तन के लिए अपनी कविता को हथियार बनाना चाहते हैं। वे जानते हैं कि सामाजिक...
सरकारी स्तर पर दलित साहित्य अकादमियों का गठन आवश्यक
समय आ गया है कि केन्द्रीय स्तर पर वंचित समूहों के लिए अलग साहित्य, संगीत और नाट्य अकादमियों...
मलखान सिंह : जिनकी कविताओं में था जीवन को बल देने वाला ताप    
हिंदी दलित साहित्य को नई ऊंचाई देने वाले साहित्यकार मलखान सिंह का आज (9 अगस्त 2019 को) तड़के...
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