ईश्वर के प्रति इतनी श्रद्धा उड़ेलने के बाद भी यहां परिवर्तन नहीं होता, बल्कि सनातनता पर ज्यादा बल देने की परंपरा पुष्ट होती जाती है और साथ ही मानसिक स्तर पर स्वतंत्र होने की दूरी...
डॉ. आंबेडकर ने भारत का संविधान लिखकर देश के विकास, अखंडता और एकता को बनाए रखने में विशेष योगदान दिया और सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार और न्याय की गारंटी दी। कानून के समक्ष सभी...
भारतीय संविधान के आलोचक, ख़ास तौर से आरएसएस के बुद्धिजीवी डॉ. आंबेडकर को संविधान का लेखक नहीं मानते। इसके दो कारण हो सकते हैं। एक तो यह कि यह उनके विश्वास में नहीं है कि...
जगदेव प्रसाद की नजर में दलित पैंथर की वैचारिक समझ में आंबेडकर और मार्क्स दोनों थे। यह भी नया प्रयोग था। दलित पैंथर ने जाति से आगे बढ़कर, सामाजिक रूप से उत्पीड़ित और आर्थिक शोषण...