अंग्रेज किसानाें को तीनकठिया प्रथा के तहत एक बीघे यानी बीस कट्ठे में तीन कट्ठे में नील की खेती करने के लिए मजबूर करते थे। लेकिन पंडुई के जमींदार किसानों को प्रति बीघा पांच कट्ठे...
आंबेडकर के लिए बुद्ध धम्म भारतीय उपमहाद्वीप में सामाजिक लोकतंत्र कायम करने का एक सबसे बड़ा साधन था। वे बुद्ध धम्म को असमानतावादी, पितृसत्तावादी और वर्ण-जातिवादी हिंदू धर्म और भारतीय इस्लाम के विकल्प के रूप...
डॉ. आंबेडकर की ऐसी प्रभावी और प्रमाणिक जीवनी अब भी लिखी जानी बाकी है, जो केवल ठोस और सत्यापन-योग्य तथ्यों – न कि सुनी-सुनाई बातों – पर आधारित हो। हमें उम्मीद है कि हमारा छोटा...
ईश्वर के प्रति इतनी श्रद्धा उड़ेलने के बाद भी यहां परिवर्तन नहीं होता, बल्कि सनातनता पर ज्यादा बल देने की परंपरा पुष्ट होती जाती है और साथ ही मानसिक स्तर पर स्वतंत्र होने की दूरी...