h category

हमारे नायक

संग्रहणीय दस्तावेज ‘आंबेडकर इन लंदन’
‘एक कानूनविद के तौर पर आंबेडकर’ लेख मे विस्तारपूर्वक उनकी पढ़ाई और फिर भारत लौटने पर उनके कानूनी लड़ाई के विषय मे बताया गया है। आंबेडकर एक विचारवान व्यक्ति थे और विचारधारा से उन्होंने कभी...
पहुंची वहीं पे ख़ाक जहां का खमीर था
शरद यादव ने जबलपुर विश्वविद्यालय से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी और धीरे-धीरे देश की राजनीति के केंद्र में आ गए। पिता ने तो उन्हें इंजीनियर बनाना चाहा था, लेकिन वे वंचितों-पीड़ितों के हितार्थ...
मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करवाने में शरद यादव की भूमिका भुलाई नहीं जा सकती
“इस स्थिति का लाभ उठाते हुए मैंने वी. पी. सिंह से कहा कि वे मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा तुरंत करें। उन्होंने पहले कहा कि वे 15 अगस्त, 1990 को लाल...
शरद यादव : रहे अपनों की राजनीति के शिकार
शरद यादव उत्तर प्रदेश और बिहार की यादव राजनीति में अपनी पकड़ नहीं बना पाए और इसका कारण थे लालू यादव और मुलायम सिंह यादव, जिन्हें उनके बड़े कद से हमेशा परेशानी रही। इन दोनों...
सावित्रीबाई फुले : पहली मुकम्मिल भारतीय स्त्री विमर्शकार
स्त्रियों के लिए भारतीय समाज हमेशा सख्त रहा है। इसके जातिगत ताने-बाने ने स्त्रियों को दोहरे बंदिशों मे...
आधुनिक भारत के पुरोधा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी
अपनी खिदमात के जरिए डॉ. अंसारी लगातार समाज को जोड़ते रहे। थोड़े ही दिनो में उनकी बातों को...
आंखन-देखी : जब बाबासाहब बोल रहे थे
“जब बाबासाहब संसद में बोल रहे थे तो पूरा हॉल उनके भाषण को गंभीरता से सुन रहा था।...
फुले, आंबेडकर और बहुजनों का आंदोलन
फुले द्वारा प्रतिपादित आरक्षण का सिद्धांत क्रांतिकारी है। उनके इस विचार में आक्रामकता थी। मौजूदा दौर में आरक्षण...
और आलेख