शैव और वैष्णव दर्शन की मान्यता में ज़मीन आसमान का अंतर है और दोनों दर्शन के अनुयायियों में खूब लंबे समय तक वैचारिक लड़ाई हुई है। इसीलिए तुलसीदास को दोनों में समन्वय करना पड़ता है।...
‘बहुजन’ से अभिप्राय केवल संख्या के आधार पर बहुजन से नहीं है, बल्कि तथाकथित मुख्यधारा की धार्मिक और सामाजिक व्यवस्था के द्वारा हज़ारों साल से कुछ चंद लोगों द्वारा बहुसंख्यक आबादी को धर्म और संस्कृति...
दलित स्टडीज के पहले खंड (2016) ने इस नए अध्ययन क्षेत्र को स्थापित किया, दलित राजनीति और सोच को उनके ऐतिहासिक संदर्भों में प्रस्तुत किया और प्रतिनिधित्व, आरक्षण, नारीवाद और पहचान जैसे मुद्दों की पड़ताल...
“इस फिल्म की कहानी महात्मा गांधी की एक इच्छा पर आधारित है। इसके दस्तावेजी प्रमाण हैं कि वर्ष 1927 में उन्होंने अपनी यह इच्छा व्यक्त की थी कि मेरा पुनर्जन्म हो तो एक भंगी के...