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बीते 17 सितंबर को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पेरियार जयंती का आयोजन किया गया। इस मौके पर उनकी कृति ‘सच्ची रामायण’ के बांग्ला अनुवाद का लोकार्पण किया गया।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद के माता कॉलोनी, विजय नगर के इलाके में दलित-बहुजन पिछले तीस वर्षों से आंबेडकर जयंती धूमधाम से मनाते आ रहे हैं। इस बार तीन किताबों का विमोचन होगा तथा निजीकरण के संदर्भ में डॉ. आंबेडकर के विचार के सवाल पर गोष्ठी आयोजित है
आगामी 27 और 28 फरवरी को तीन कार्यक्रमों में फारवर्ड प्रेस द्वारा हाल ही में प्रकाशित इस किताब का विमोचन किया जाएगा। दो कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रविदास महासभा और सावित्रीबाई फुले जन साहित्य केंद्र के तत्वावधान में होंगे। जबकि वेबिनार का आयोजन फारवर्ड प्रेस द्वारा होगा
विजया बुक्स, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित काव्य संग्रह “बहुजन हुंकार” व फारवर्ड प्रेस द्वारा हाल ही में प्रकाशित “हिंदू धर्म की पहेलियां” का विमोचन 20 फरवरी को उन्नाव जिले में लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. कालीचरण स्नेही करेंगे। इस मौके पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसका विषय “बहुजन मुक्ति आंदोलन में बहुजन साहित्य की भूमिका” है
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फारवर्ड प्रेस बुक्स की किताबें अब ई-बुक के रूप में उपलब्ध हैं। इन्हें घर बैठे बस एक क्लिक के जरिए खरीदकर पढ़ा जा सकता है। फारवर्ड प्रेस द्वारा इन किताबों को मूल कीमत से आधी से भी कम कीमत पर उपलब्ध करायी गयी है
आंबेडकर के परिनिर्वाण के बाद दलित पैंथर का काल, आंबेडकरवादी आंदोलन का स्वर्णकाल था। इसके सह-संस्थापक ज. वि. पवार बता रहे हैं उन तत्वों के बारे में जिनके कारण उन्होंने 1972 में अमेरिका में अश्वेतों के आंदोलन ब्लैक पैंथर के तर्ज पर शुरू हुए इस आंदोलन का आधिकारिक इतिहास लिखने की प्रेरणा मिली
कंवल भारती द्वारा लिखित पुस्तक आरएसएस और बहुजन चिंतन का प्रकाशन फारवर्ड प्रेस द्वारा किया गया है। यह किताब आरएसएस की व्याख्या आंबेडकर के नजरिए से करती है। इस किताब को अमेजन के जरिए घर बैठे मंगाया जा सकता है
An extensively researched timeline of Dr Ambedkar’s life is not yet available. Here, Lokesh Kumar tries to fill this void in the literature on the man who studied inequality in Indian society to the minutest detail and fought to remove it
बहुजन विमर्श को विस्तार देतीं फारवर्ड प्रेस द्वारा प्रकाशित किताबों को ऑनलाइन खरीदना और आसान हो गया है। अब आप अमेजन और फ्लिपकार्ट के जरिए अपने मोबाइल अथवा लैपटॉप की सहायता से बस कुछ सेकेंडों में ही खरीद सकते हैं
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
वर्ष 1873 में प्रकाशित ‘गुलामगिरी’ जोतीराव फुले की एक महत्वपूर्ण रचना है, जिसमें उन्होंने ब्राह्मणों द्वारा रचे गए मिथकों और पुराणों के विभिन्न प्रसंगों व पात्रों के माध्यम से रचे गए झूठ के तंत्र का विश्लेषण किया और यह दिखाया कि कैसे यह मिथक व पौराणिक साहित्य दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को गुलाम बनाते हैं। बता रहे हैं चंद्रभूषण गुप्त ‘अंकुर’