h n

दलित से दुर्व्यवहार करने वाले युवकों पर प्रकरण दर्ज

तमिलनाडु पुलिस ने मदुरई के सबतुर में तीन युवकों के खिलाफ एक दलित को जाति के आधार पर अपमानित करने के आरोप में अनुसूचित जाति व जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत प्रकरण दर्ज किया है

tamilमदुरै। तमिलनाडु पुलिस ने मदुरई के सबतुर में तीन युवकों के खिलाफ एक दलित को जाति के आधार पर अपमानित करने के आरोप में अनुसूचित जाति व जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। मंगलरेव गांव के 21 वर्षीय दलित टी. राजापंडी, उस बॉलीवाल टीम के कप्तान थे, जिसने परासक्थी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कूडीसेरी पंचायत द्वारा आयोजित बॉलीवाल प्रतियोगिता में विजय प्राप्त की। हारने वाली टीम ने इस निर्णय को स्वीकार करने से इंकार कर दिया और विजयी टीम से भिड़ गई। राजापंडी का दावा है कि दूसरी टीम के तीन खिलाडिय़ों-एस. आनंधन, एस. पालपंडी व पी. माथन-ने उनकी जाति के आधार पर उन्हें अपमानित किया। राजापंडी की शिकायत पर सिंधुपड्डी पुलिस ने तीनों युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, जिसकी जांच जारी है।

(फारवर्ड प्रेस के मार्च, 2015 अंक में प्रकाशित )


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, सस्‍क‍ृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +919968527911, ईमेल : info@forwardmagazine.in

लेखक के बारे में

एफपी डेस्‍क

संबंधित आलेख

यात्रा संस्मरण : जब मैं अशोक की पुत्री संघमित्रा की कर्मस्थली श्रीलंका पहुंचा
पर्यटन के दृष्टिकोण से एक पहाड़ी पर रावण का महल भी बता दिया गया है और लिख भी दिया गया है। वैसे ही अनुराधापुर...
ईश्वरवाद और भारतीय समाज की जड़ता
जातिवाद के चलते भारत में माना गया कि ब्राह्मण कुल में जन्म लेना ही ज्ञान की विरासत का वारिस बन जाना है। निहित स्वार्थ...
सवर्ण व्यामोह में फंसा वाम इतिहास बोध
जाति के प्रश्न को नहीं स्वीकारने के कारण उत्पीड़ितों की पहचान और उनके संघर्षों की उपेक्षा होती है, इतिहास को देखने से लेकर वर्तमान...
त्यौहारों को लेकर असमंजस में क्यों रहते हैं नवबौद्ध?
नवबौद्धों में असमंजस की एक वजह यह भी है कि बौद्ध धर्मावलंबी होने के बावजूद वे जातियों और उपजातियों में बंटे हैं। एक वजह...
संवाद : इस्लाम, आदिवासियत व हिंदुत्व
आदिवासी इलाकों में भी, जो लोग अपनी ज़मीन और संसाधनों की रक्षा के लिए लड़ते हैं, उन्हें आतंकवाद विरोधी क़ानूनों के तहत गिरफ्तार किया...