मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने जाति प्रमाणपत्रों के स्थान पर स्मार्ट कार्ड जारी करने का निर्णय लिया है। राज्य के सामाजिक न्याय राज्य मंत्री दिलीप कांबले ने कहा, ”हम इस क्रांतिकारी योजना को मार्च से लागू करने जा रहे हैं। स्मार्ट कार्ड, परिवार के मुखिया के नाम पर होगा और उसमें मुखिया पर आश्रित सभी सदस्यों के नाम होंगे”। उन्होंने बताया कि नागरिकों को उनके वर्तमान जाति प्रमाणपत्र जमा करने होंगे, जिसके बाद उन्हें स्मार्ट कार्ड जारी किये जायेंगे। अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, विमुक्त व घूमंतु जातियों के सदस्यों को स्मार्ट कार्ड जारी करने की प्रक्रिया एक साल में पूरी कर दी जाएगी। दलित पैथर्स के नेता बापू भोंसाले सरकार के इस निर्णय से प्रसन्न नहीं हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार ने जाति प्रमाणपत्र जमा करवा लिये और उसके बाद स्मार्ट कार्ड जारी करने में देरी हुई तो नागरिकों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। वर्तमान में इस तरह के प्रमाणपत्रों को जारी करने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है।
(फारवर्ड प्रेस के मार्च, 2015 अंक में प्रकाशित )
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