हरियाणा में फरवरी के दूसरे और तीसरे सप्ताह में जाट समुदाय ने अपने लिए आरक्षण की मांग करते हुए अनेक स्थानों पर उग्र और हिंसक प्रदर्शन किये। इस दौरान सेना और प्रदर्शनकारियों, एवं प्रदर्शनकारियों से अलग–अलग गुटों के आपसी टकराव में अब तक 21 लोगों के मारे जाने की सूचना है। इस आन्दोलन से न सिर्फ हरियाणा बल्कि दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों में भी जन–जीवन प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारियों से सुस्ती से निपटती हरियाणा सरकार जब तक ठोस उपायों के साथ सामने आने और केंद्र के दखल देने के पूर्व, मामला काफी बिगड़ चुका था। जाट आरक्षण आन्दोलन और हिंसा की कुछ तस्वीरें:
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![A view of shops and motorcycles burnt by protesters at Rohtak on Saturday. February 20, 2016: Photo by Manoj Dhaka](https://www.forwardpress.in/wp-content/uploads/2016/05/5-200x300.jpg)
![India Caste Violence](https://www.forwardpress.in/wp-content/uploads/2016/05/cbfcb35c2c3849588fe9c562f535fece-26a0b434720745728dae92c29ce2a2c8-2-300x185.jpg)
![CbvL4-8VAAAIMry](https://www.forwardpress.in/wp-content/uploads/2016/05/CbvL4-8VAAAIMry-e1464699756234-300x231.jpg)
मांगें
> हरियाणा में पिछले साल जाटों को अन्य चार जातियों के साथ ‘स्पेशल बैकवर्ड क्लास’ के तहत 10 फीसदी आरक्षण दिया गया था।
> केंद्र में ओबीसी कैटेगरी में जाट रिजर्वेशन सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद हरियाणा में भी हाईकोर्ट ने स्पेबशल बैकवर्ड क्ला्स का रिजर्वेशन रद्द कर दिया।
> सरकार ने इस आन्दोलन के बाद अब जाटों को इकोनॉमिक बैकवर्ड क्लास में रिजर्वेशन देने का प्रस्ताव किया है, जिसे आंदोलनकारियों ने नकार दिया है।
> जाटों का कहना है कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में उन्हें ओबीसी के तहत आरक्षण प्राप्त है इसलिए उन्हें न सिर्फ हरियाणा में ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण में शामिल किया जाए बल्कि केंद्र सरकार की नौकरियों व शिक्षण संस्थांनों में इसी के अंतर्गत आरक्षण दिया जाए।
(फारवर्ड प्रेस के मार्च, 2016 अंक में प्रकाशित )