इस साल लोकसभा चुनाव के साथ ही कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इनमें से एक आंध्र प्रदेश भी शामिल है, जहां वर्तमान में चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के मद्देनजर समाज के विभिन्न तबकों के मतदाताओं को लुभाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। जहां एक ओर केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन तक करवा दिया है, तो दूसरी ओर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ब्राह्मण जाति के युवाओं को कार बांट रहे हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार ने अपनी योजना को स्वरोजगार योजना की संज्ञा दी है। बीती 4 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 50 लाभार्थियों को कार की चाबियां वितरित की।
राज्य सरकार की ओर से इस योजना को ब्राह्मण कल्याण निगम के द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। इसके तहत ब्राह्मण जाति के युवाओं को दो लाख रुपए तक की लोन सब्सिडी के अलावा 90 फीसदी ऋण सुविधा दी जा रही है। यानी ब्राह्मण युवाओं को कार खरीदने के लिए कुल लागत का केवल 10 फीसदी भुगतान करना है। शेष राशि का भुगतान आंध्र प्रदेश सरकार करेगी। बाद में इसका भुगतान लाभार्थी मासिक किस्तों में कर सकेंगे।

निगम के अध्यक्ष वेमूरी आनंद सूर्य के मुताबिक, निगम की विभिन्न योजनाओं से अब तक ब्राह्मण जाति के लगभग डेढ़ लाख लोगों को लाभ मिला है। इस निगम का गठन 2015 में किया गया था। इस निगम का सूत्र वाक्य है – ‘ब्राह्मणों के गौरव को पुनर्स्थापित एवं संरक्षित करना।’ आनंद सूर्य के मुताबिक, निगम 140 लाख स्मार्ट फोन वितरित करेगा; ताकि हर ब्राह्मण के घर तक ज्ञान पहुंचे।
उनके मुताबिक निगम द्वारा संचालित अन्य योजनाओं में वेद व्यास योजना, गायत्री योजना, भारती योजना और वशिष्ठ योजना शामिल है। इसमें वेद व्यास योजना के जरिए उन ब्राह्मणों को वित्तीय सहायता दी जाती है जो वेदों का अध्ययन करना चाहते हैं। वहीं गायत्री योजना के द्वारा ब्राह्मण जाति के छात्रों को अध्ययन में उत्कृष्टता के लिए स्कॉलरशिप तथा भारती योजना के तहत उन छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जाती है जो पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं। वहीं वशिष्ठ योजना के तहत ब्राह्मण जाति के प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को वित्तीय सहायता दी जाती है।
(कॉपी संपादन : प्रेम बरेलवी)
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