अप्रैल 2018 में आईआईटी के सिर्फ 50 पूर्व छात्रों द्वारा बनाई गई पार्टी ‘बहुजन आज़ाद पार्टी’ (बाप) को चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न प्रदान कर दिया है। इसकी घोषणा पार्टी के अध्यक्ष नवीन कुमार ने 13 फरवरी 2019 को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में की।
चुनाव आयोग ने ‘बाप’ को “स्लेट” चुनाव चिह्न दिया है। पार्टी अध्यक्ष नवीन कुमार ने बताया कि यह चुनाव चिह्न पार्टी के विचारधारा पर सटीक बैठता है। क्योंकि ‘बाप’ पार्टी शिक्षा, रोजगार की अलख जगाना चाहती है। ‘बाप’ अब देश के उन सभी शिक्षित-वंचित लोगों की आवाज उठाने में सक्षम है, जिनका हक मारा जा रहा है और बाकी दलों द्वारा उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। तमाम राजनीतिक पार्टियों में देश और समाज के केवल विशिष्ट और संभ्रांत वर्गों की पहुंच और पहचान है, वहां जनसामान्य की कोई पूछ नहीं है। उन्होंने बताया कि ‘बाप’ के मुद्दे सबको रोजगार, एक सामान शिक्षा, सबके लिए बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था, उच्च स्तरीय कृषि प्रणाली को प्रोत्साहन, भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन, स्थानीय परेशानियां हैं। बता दें कि नवीन कुमार ने 2015 में दिल्ली से आईआईटी की है। इस पार्टी को खड़ा करने के दौरान नवीन पर हमला भी हुआ था। पार्टी के कार्यकर्ताओं की बिहार के सीतामढ़ी में बड़ी निर्दयतापूर्ण तरीके से पिटाई भी की गई थी।

पार्टी का मकसद
नवीन ने बताया कि बहुजन आजाद पार्टी 2019 के आम चुनाव में लगभग 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें बिहार की सभी 40 सीटों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, पंजाब, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से चुनाव लड़ा जाएगा। पार्टी के पदाधिकारी छतीसगढ़ एवं शेष राज्यों में भी चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं।
सामूहिक चंदे से चलेगी पार्टी
उन्होंने बताया कि राजनीतिक पार्टियों को चलाना और उसके मकसद पर काम करना एक दुरूह कार्य अवश्य है, लेकिन वे इस काम को ईमानदारी और सेवाभाव से करेंगे। इसलिए पार्टी किसी कॉरपोरेट घराने से चंदा नहीं लेती है। पार्टी को आईआईटी के पूर्ववर्ती छात्रों के साथ-साथ सरकारी और निजी क्षेत्रों में काम करने वाले लोग तथा किसान तथा बहुजन विचारधारा के हितैषी, छोटे-छोटे व्यापारी चंदा देते हैं।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी के अन्य पदाधिकारी यथा- सरकार अखिलेश, सुमित, प्रशांत कुमार परमाणु, डॉ. कोमल आदि मौजूद रहे।
(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क/प्रेम)
फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्त बहुजन मुद्दों की पुस्तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्य, सस्कृति व सामाजिक-राजनीति की व्यापक समस्याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in
फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें
मिस कैथरीन मेयो की बहुचर्चित कृति : मदर इंडिया