ग्राउंड रिपोर्ट
“जबतक मनीषा के हत्यारों को सजा और हमें इंसाफ नहीं मिल जाता, हम उसकी अस्थियां प्रवाहित नहीं करेंगे। हमें बस इतना ही कहना है कि हमें इंसाफ चाहिए और मेरे घर के परिजनों के जान की रक्षा भी हो।” यह कहना है दलित युवती मनीषा वाल्मीकि के पिता का। हाथरस के बूलगढ़ी गांव में फारवर्ड प्रेस से बातचीत में उन्होंने 14 सितंबर को अपनी बेटी के साथ हुई दरिंदगी के बारे में विस्तार से बताया।