h n

क्या केवल दिखावा मात्र है एसीएससी और एनसीबीसी का संवैधानिक दर्जा?

-

क्लिक करें :

What are the NCSC and NCBC doing with their Constitutional status?

 उपरोक्त सामग्री अभी सिर्फ अंग्रेजी में उपलब्ध है। अगर आप इसका हिंदी अनुवाद करना चाहते हैं तो कृपया संपर्क करें। गुणवत्तापूर्ण अनुवादों को हम आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे।  Email : editor@forwardpress.in


[फारवर्ड  प्रेस भारत के  सामाजिक व सांस्कृतिक रूप से दबाए गए तबकों – यथा, अन्य पिछडा वर्ग, अनुसूचित जनजातियों, विमुक्त घुमंतू जनजातियों, धर्मांतरित अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दों को आवाज देने लिए प्रतिबद्ध है। यह एक द्विभाषी (अंग्रेजी-हिंदी) वेबसाइट है। हम हर सामग्री  हिंदी व अंग्रेजी में प्रकाशित करते हैं, ताकि इन्हें यथासंभव देश-व्यापी पाठक वर्ग मिल सके। लेखक व स्वतंत्र पत्रकार अपने लेख दोनों में से किसी एक भाषा में भेज सकते हैं।

फारवर्ड प्रेस के इस अभियान का सुचारू रूप से संचालन के लिए ऐच्छिक योगदान करने के इच्छुक अनुभवी अनुवादकों का  स्वागत है]

मुखपृष्ठ पर जाने के लिए यहां क्लिक करें :

लेखक के बारे में

पी. एन. संकरण

डॉ पी. एन. संकरण, विश्वकर्मा समुदाय, जिसके सदस्य पारंपरिक रूप से हस्तशिल्पी रहे हैं, की समस्याओं का अध्ययन करने के लिए केरल सरकार द्वारा सन 2012 में नियुक्त आयोग के अध्यक्ष थे. वे एक विकास अर्थशास्त्री हैं और थिरुवनंतपुरम के यूनिवर्सिटी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष हैं. उन्होंने सन 2018 में एमराल्ड पब्लिशिंग (यूके) द्वारा प्रकाशित पुस्तक “रीडिफाइनिंग कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (डेव्लप्मेंट्स इन कॉर्पोरेट गवर्नेंस एंड रेस्पोंसिबिलिटी, खंड 13)” में “ट्रेडिशनल आरटीसंस एज स्टेकहोल्डर्स इन सीएसआर : ए रिहैबिलिटेशन पर्सपेक्टिव इन द इंडियन कॉन्टेक्स्ट” शीर्षक अध्याय का लेखन किया किया है

संबंधित आलेख

मोदी और उनके अनुयायियों का झूठ बनाम सच
सवाल यह है कि मोदी और उनके अनुयायी किसे बेवकूफ बना रहे हैं? क्या जनता जानती नहीं है कि संविधान कोई भी एक व्यक्ति...
भाजपा में हाशिए पर कर दिए गए राजपूत
बहुत से राजपूत नेता यह भी कह रहे हैं कि राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ का पार्टी के अंदर सम्मान नहीं हो रहा है...
उत्तर प्रदेश में लड़ रही हैं मायावती, लेकिन सवाल शेष
कई चुनावों के बाद लग रहा है कि मायावती गंभीरता से चुनाव लड़ रही हैं। चुनाव विश्लेषक इसकी अलग-अलग वजह बता रहे हैं। पढ़ें,...
वोट देने के पहले देखें कांग्रेस और भाजपा के घोषणापत्रों में फर्क
भाजपा का घोषणापत्र कभी 2047 की तो कभी 2070 की स्थिति के बारे में उल्लेख करता है, लेकिन पिछले दस साल के कार्यों के...
शीर्ष नेतृत्व की उपेक्षा के बावजूद उत्तराखंड में कमजोर नहीं है कांग्रेस
इन चुनावों में उत्तराखंड के पास अवसर है सवाल पूछने का। सबसे बड़ा सवाल यही है कि विकास के नाम पर उत्तराखंड के विनाश...