दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर गत 9 जनवरी को दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में सड़क पर स्थित एक हनुमान मंदिर को सौंदर्यीकरण के लिये हटा दिया गया। एक ऐसे वक्त में जब मंदिर निर्माण भारत का राष्ट्रीय कार्यक्रम बना हुआ है, राम के भक्त हनुमान का मंदिर हटा दिया जाना बेहद संवेदनशील मुद्दा तो बनना ही था। यह उन लोगों के लिए एक बड़े अवसर की संभावना को भी चिह्नित करता है कि जो मंदिर के मुद्दे से सत्ता प्राप्ति की कारीगरी खूब जानते है।
लेखक के बारे में

भंवर मेघवंशी
भंवर मेघवंशी लेखक, पत्रकार और सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में अपना सार्वजनिक जीवन शुरू किया था। आगे चलकर, उनकी आत्मकथा ‘मैं एक कारसेवक था’ सुर्ख़ियों में रही है। इस पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद हाल में ‘आई कुड नॉट बी हिन्दू’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ है। संप्रति मेघवंशी ‘शून्यकाल डॉट कॉम’ के संपादक हैं।