बीते सोमवार यानी 15 मार्च, 2021 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्तिगण अशोक भूषण, एल. नागेश्वर राव, एस अब्दुल नजीर, हेमंत गुप्ता और आर. रवींद्र भट्ट की पांच सदस्यीय खंडपीठ जब राज्य सरकारों को एक सप्ताह के अंदर जवाब देने का अल्टीमेटम दे रही थी कि 1992 में मंडल आरक्षण से संबंधित इंदिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट 9 सदस्यीय खंडपीठ के फैसले की समीक्षा हो या नहीं तब लोकसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक यह बता रहे थे कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षित वर्गों के शिक्षकों के आधे से अधिक पद रिक्त पड़े हैं।
दरअसल, केंद्र सरकार के अधीन सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के कितने पद अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए स्वीकृत हैं और कितने पदों पर नियुक्ति हो पाई है। यह सवाल बीते 15 मार्च, 2021 को उठाया गया। सवाल तीन कांग्रेस सांसदों ने उठाया। इनमें उड़ीसा से सांसद सप्तगिरि संकर उल्का, केरल के बेनी बहनान और तमिलनाडु के मणिकम टैगोर बी. शामिल हैं। लिखित जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि देश भर में केंद्र के अधीन सभी विश्वविद्यालयों व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए स्वीकृत पदों की संख्या क्रमश: 7409, 3921 और 9960 है। इसके विरूद्ध क्रमश: 2847, 1686 और 5142 पदों पर नियुक्ति हुई है। इस प्रकार लगभग आधे पद रिक्त पड़े हैं।
बताते चलें कि देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानाें में एससी के लिए 15 फीसदी, एसटी के 7.5 फीसदी और ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। यह भी ध्यातव्य है कि एससी और एसटी के लिए निर्धारित आरक्षण काे देश में गणतंत्र लागू होने के साथ ही अमल में लाया जाने लगा था। जबकि ओबीसी के लिए आरक्षण को 1990 के दशक में जब मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू किया गया तब भी उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान नहीं था। इसके लिए संसद में एक नया कानून तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह द्वारा वर्ष 2006 में लाया गया। तदुपरांत उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी को आरक्षण देने की शुरूआत हुई। परंतु, इसके बावजूद अभी तक केंद्र सरकार के शिक्षण संस्थानों में इन वर्गों को समुचित भागीदारी नहीं मिल पाई है।
उपरवर्णित तीनों कांग्रेसी सांसदों ने संयुक्त रूप से यह सवाल लोकसभा में उठाया। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि केंद्र के अधीन के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए कितने स्वीकृत पद आरक्षित हैं तथा उनमें अभी तक कुल कितने रिक्त पड़े हैं। साथ ही यह भी जानना चाहा कि कितने आरक्षित पदों को सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों से भर दिया गया है?
तीनों सांसदों ने सरकार से यह भी पूछा कि रिक्त पड़े पदों को सरकार किस तरीके से भरेगी तथा इसके लिए उसकी कार्यनीति क्या है।
लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री निशंक ने बताया कि देश भर में कुल 42 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। दिनांक 1 जनवरी, 2021 तक इन विश्वविद्यालयों में एससी के लिए 5714 पद, एसटी के लिए 3135 पद और ओबीसी के लिए 7589 पद स्वीकृत हैं। इनमें से में एससी कोटे के 2255 पद, एसटी कोटे के 1320 और ओबीसी कोटे के 3949 पदों पर नियुक्ति हुई है।
अब निशंक के इसी आंकड़े को आधार मानें तो हम पाते हैं कि 42 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी कोटे के 3459 पद, एसटी कोटे के 1815 और ओबीसी कोटे के 3640 पद रिक्त हैं। अपने जवाब में उन्होंने तीन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों का आंकड़ा भी दिया। उनके मुताबिक, दिनांक 9 मार्च, 2021 तक इन तीनों विश्वविद्यालयों में एससी के लिए 120, एसटी के लिए 69 और ओबीसी के लिए 182 पद स्वीकृत हैं। लेकिन वर्तमान में एससी के केवल 14, एसटी के 9 और ओबीसी के 24 पदों पर नियुक्ति हो पाई है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के बारे में निशंक ने बताया कि इस विश्वविद्यालय में एससी के लिए स्वीकृत कुल 380 में से 223 पद, एसटी के लिए स्वीकृत 180 में से 92 और ओबीसी के लिए स्वीकृत 346 में से 115 पद रिक्त हैं।
जबकि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में एससी के लिए कुल 901 पद, एसटी के लिए 410 और ओबीसी के लिए 1231 पद स्वीकृत हैं। इसके विरूद्ध क्रमश: 325, 193 और 539 पदों पर नियुक्ति हुई है तथा शेष क्रमश: 576, 217 और 752 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) में एससी के लिए 55, एसटी के लिए 24 और ओबीसी के लिए 96 स्वीकृत पदों के विरूद्ध क्रमश: 34, 19 और 60 पदों पर नियुक्त हो सकी है।
यह है लेखा–जोखा :
विश्वविद्यालय/संस्थान | स्वीकृत पद | रिक्त पद |
---|---|---|
42 केंद्रीय विश्वविद्यालय | एससी - 5714 एसटी - 3135 ओबीसी - 7589 | एससी - 3459 एसटी - 1815 ओबीसी - 3640 |
3 केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय | एससी - 120 एसटी - 69 ओबीसी - 182 | एससी - 116 एसटी - 60 ओबीसी - 158 |
इग्नू | एससी - 380 एसटी - 180 ओबीसी - 346 | एससी - 223 एसटी - 92 ओबीसी - 115 |
आईआईटी | एससी - 901 एसटी - 410 ओबीसी - 1291 | एससी - 576 एसटी - 217 ओबीसी - 752 |
आईआईएम | एससी - 55 एसटी - 24 ओबीसी - 96 | एससी - 21 एसटी - 05 ओबीसी - 36 |
आईआईएसईआर | एससी - 71 एसटी - 19 ओबीसी - 153 | एससी - 43 एसटी - 02 ओबीसी - 86 |
आईआईएस | एससी - 168 एसटी - 84 ओबीसी - 303 | एससी - 134 एसटी - 38 ओबीसी - 31 |
कुल | एससी - 7409 एसटी - 3921 ओबीसी - 9960 | एससी - 4562 एसटी - 2335 ओबीसी - 4818 |
(संपादन : अनिल/अमरीश)
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