मीतवाडी कृष्णन (11 जून, 1867 – 29 नवम्बर, 1938)
चंगारम कोमरथ कृष्णन केरल में प्रेस और सामाजिक परिवर्तन के प्रणेताओं में से एक थे। वे नारायणगुरु के शिष्य और सहोदरन अय्यपन के साथी थे तथा सामाजिक असमानता व जाति के विरुद्ध इन दोनों शख्सियतों के जीवनपर्यंत संघर्ष में साझेदार थे। कृष्णन का जन्म 11 जून, 1867 को गुरुवयूर के निकट मुल्लास्सेरी में एक सुशिक्षित थिय्या परिवार में हुआ था। वे हाईकोर्ट में वकालत करते थे। इसके साथ ही वे पत्रकार, संपादक, बैंकर, सामाजिक क्रांतिकारी, तार्किकतावादी, नवबौद्ध चिन्तक व बहुआयामी व्यक्तित्व वाले इंसान थे।