h n

NEET में ओबीसी आरक्षण : बड़ी जीत की कहानी, जीत के सारथी की जुबानी

जिन लोगों के श्रम, प्रतिबद्धता और प्रयासों के कारण देश भर के ओबीसी को सफलता मिली है, उनमें एम के स्टालिन और उनकी पार्टी डीएमके, उनके वकील पी. विल्सन आदि के अलावा कई और नाम हैं, जिनका नाम बड़ा नहीं है। लेकिन उनका काम बहुत बड़ा है। बता रहे हैं नवल किशोर कुमार

कल 29 जुलाई, 2021 की तारीख ऐतिहासिक तारीख बन गयी। हुआ यह कि स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी कि राज्यों के अधीन मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में ऑल इंडिया कोटे के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी आरक्षण वर्तमान सत्र से ही दिया जाएगा। साथ ही यह भी कि ओबीसी के अलावा यह दस फीसदी आरक्षण आर्थिक आधार पर पिछड़े वर्गों (सवर्णों को) के अभ्यर्थियों को भी मिलेगा। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बाबत ट्वीटर पर टिप्पणी की। सोशल मीडिया पर यह खबर आग की तरह फैली। पिछड़े वर्ग के लोगों ने तहे दिल से इसका स्वागत किया। लोगों ने इसे बड़ी जीत की संज्ञा दी। इस पूरे मामले में राजनीति भी की जा रही है।

पूरा आर्टिकल यहां पढें : NEET में ओबीसी आरक्षण : बड़ी जीत की कहानी, जीत के सारथी की जुबानी

लेखक के बारे में

नवल किशोर कुमार

नवल किशोर कुमार फॉरवर्ड प्रेस के संपादक (हिन्दी) हैं।

संबंधित आलेख

नीतीश की प्राथमिकता में नहीं और मोदी चाहते नहीं हैं सामाजिक न्याय : अली अनवर
जातिगत जनगणना का सवाल ऐसा सवाल है कि आरएसएस का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का जो गुब्बारा है, उसमें सुराख हो जाएगा, उसकी हवा...
मनुस्मृति पढ़ाना ही है तो ‘गुलामगिरी’ और ‘जाति का विनाश’ भी पढ़ाइए : लक्ष्मण यादव
अभी यह स्थिति हो गई है कि भाजपा आज भले चुनाव हार जाए, लेकिन आरएसएस ने जिस तरह से विश्वविद्यालयों को अपने कैडर से...
आखिर ‘चंद्रगुप्त’ नाटक के पन्नों में क्यों गायब है आजीवक प्रसंग?
नाटक के मूल संस्करण से हटाए गए तीन दृश्य वे हैं, जिनमें आजीवक नामक पात्र आता है। आजीवक प्राक्वैदिक भारत की श्रमण परंपरा के...
कौशांबी कांड : सियासी हस्तक्षेप के बाद खुलकर सामने आई ‘जाति’
बीते 27 मई को उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक आठ साल की मासूम बच्ची के साथ यौन हिंसा का मामला अब जातिवादी बनता...
अपने जन्मदिन पर क्या सचमुच लालू ने किया बाबा साहब का अपमान?
संघ और भाजपा जहां मजबूत हैं, वहां उसके नेता बाबा साहब के विचारों और योगदानों को मिटाने में जुटे हैं। लेकिन जहां वे कमजोर...