शोषित समाज दल का गठन महामना रामवस्वरूप वर्मा और अमर शहीद जगदेव प्रसाद ने मिलकर किया था। इस राजनीतिक दल के अलावा उनके बीच अर्जक संघ एक महत्वपूर्ण प्रयास था जिसके जरिए समाज में उच्च जातियों के वर्चस्ववाद को चुनौती दी जा रही थी। अर्जक संघ और शोषित समाज दल का अस्तित्व तो वर्तमान में भी है। लेकिन रामस्वरूप वर्मा और जगदेव प्रसाद के बाद इसमें कमी आयी। बीते 23 अप्रैल, 2021 को शोषित समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे रघुनीराम शास्त्री का निधन हो गया था। उनके बाद पार्टी की बागडोर रामचंद्र कटियार को दी गयी है। वे रामस्वरूप वर्मा के करीबी रहे। उनसे फारवर्ड प्रेस के हिंदी संपादक नवल किशोर कुमार ने दूरभाष पर बातचीत की। प्रस्तुत है संपादित अंश :
रामस्वरूप वर्मा जी के संपर्क में आप कब आये?
रामस्वरूप वर्मा हमारे पड़ोस के गांव के रहने वाले थे। जब उनका राजनीतिक दौरा हुआ करता था तो वे हमारे घर आया करते थे। वर्मा जी का गांव गौरीकरन और हमारे गांव का नाम टुटई चाल [कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश] है। हमारे पिताजी प्रधान थे। वे [रामस्वरूप वर्मा] हमारे घर एवं आस-पास के गांवों में दौरा करते थे। उनका हमारे परिवार में आना-जाना लगातार बना रहता था। इसके कारण हमारा उनसे संपर्क हुआ। पढ़ाई के बाद उन्होंने हमसे कहा कि देशसेवा सबसे बड़ी है, हमसे जुड़ो। यह सन् 1970 की बात है। जब जगदेव बाबू की बिहार में हत्या हुई, एक संकट उत्पन्न हुआ, उस समय एक राष्ट्रीय सम्मेलन होना था, उन्होंने हमें जिम्मेदारी दी कि राष्ट्रीय सम्मेलन करवाइये। हमने पुखराया [कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश] में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। 1975 के जून महीने में शोषित समाज दल के बैनर तले यह तीन दिवसीय कार्यक्रम संपन्न हुआ था। यह कार्यक्रम शानदार था। लाखों की भीड़ जुटी थी। इस कार्यक्रम के पश्चात हमें शोषित समाज दल के उत्तर प्रदेश का प्रांतीय महामंत्री बना दिया गया। होल टाइमर [पूर्णकालिक कार्यकर्ता] के रूप में हमने कार्य करना प्रारंभ किया। उसी समय से हम पार्टी में काम कर रहे हैं।