साक्षात्कार
[केंद्र सरकार ने किसानों की सारी मांगों को अपनी सहमति दे दी है। इस प्रकार पिछले एक साल 13 दिनों तक चला आंदोलन खत्म हो गया है और दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान अपने घरों को लौटने लगे हैं। इस आंदोलन में दलितों की भूमिका कैसी रही और उन्हें इस आंदोलन से क्या हासिल हुआ अथवा क्या हासिल होने की उम्मीद है, इस संबंध में पंजाब के जमीन प्राप्ति संघर्ष समिति से जुड़े गुरुमुख सिंह ने फारवर्ड प्रेस से दूरभाष पर विशेष बातचीत की। प्रस्तुत है इस बातचीत का संपादित अंश]
कृपया आप अपना परिचय एवं अपने संगठन और उसके उद्देश्यों के बारे में हमारे पाठकों को बतायें।
हमारे संगठन का नाम ‘जमीन प्राप्ति संघर्ष समिति’ है और मेरा नाम गुरुमुख सिंह है। मैं उसका जोनल कमेटी सदस्य हूं। हमारी जमीन प्राप्ति संघर्ष समिति दलितों के जमीन के मुद्दों एवं अन्य जातियों के जमीन के सवाल को लेकर संघर्ष करती है। अगर कहीं दलित एवं खेत मजदूरों पर हिंसा एवं अत्याचार होता है तो उन्हें न्याय दिलाने के लिए भी हम संघर्ष करते हैं।