h n

भाजपा के ‘गणेश’

“हमें तो अपने लोगों से मतलब है। हम उनके काम आएं, उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाएं। एक जनप्रतिनिधि होने की यह जिम्मेदारियां हैं और जब मैं यह सब करता हूं तो मुझे बहुत खुशी मिलती है।” पढ़ें, सतना से सांसद और ओबीसी संसदीय समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश सिंह पर केंद्रित नवल किशोर कुमार का यह आलेख

भारत में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की वास्तविक आबादी का सटीक आंकड़ा फिलहाल भारत सरकार के पास भी नहीं है। अभी जिन आंकड़ों से काम चलाया जा रहा है, वे वर्ष 1931 में हुई जनगणना के हैं। इस जनगणना में ओबीसी की आबादी लगभग 52 फीसदी पाई गई थी। सनद रहे कि वह 1931 और अभी 2021 का अंत है। इस करीब सौ साल की अवधि में एक बार भी ओबीसी की गणना न होने से ही हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि इस देश के बहुसंख्यक वर्ग की हिस्सेदारी के सवाल को कैसे उपेक्षित रखा गया है।

पूरा आर्टिकल यहां पढें : भाजपा के ‘गणेश’

लेखक के बारे में

नवल किशोर कुमार

नवल किशोर कुमार फॉरवर्ड प्रेस के संपादक (हिन्दी) हैं।

संबंधित आलेख

केशव प्रसाद मौर्य बनाम योगी आदित्यनाथ : बवाल भी, सवाल भी
उत्तर प्रदेश में इस तरह की लड़ाई पहली बार नहीं हो रही है। कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह के बीच की खींचतान कौन भूला...
बौद्ध धर्मावलंबियों का हो अपना पर्सनल लॉ, तमिल सांसद ने की केंद्र सरकार से मांग
तमिलनाडु से सांसद डॉ. थोल थिरुमावलवन ने अपने पत्र में यह उल्लेखित किया है कि एक पृथक पर्सनल लॉ बौद्ध धर्मावलंबियों के इस अधिकार...
मध्य प्रदेश : दलितों-आदिवासियों के हक का पैसा ‘गऊ माता’ के पेट में
गाय और मंदिर को प्राथमिकता देने का सीधा मतलब है हिंदुत्व की विचारधारा और राजनीति को मजबूत करना। दलितों-आदिवासियों पर सवर्णों और अन्य शासक...
मध्य प्रदेश : मासूम भाई और चाचा की हत्या पर सवाल उठानेवाली दलित किशोरी की संदिग्ध मौत पर सवाल
सागर जिले में हुए दलित उत्पीड़न की इस तरह की लोमहर्षक घटना के विरोध में जिस तरह सामाजिक गोलबंदी होनी चाहिए थी, वैसी देखने...
फुले-आंबेडकरवादी आंदोलन के विरुद्ध है मराठा आरक्षण आंदोलन (दूसरा भाग)
मराठा आरक्षण आंदोलन पर आधारित आलेख शृंखला के दूसरे भाग में प्रो. श्रावण देवरे बता रहे हैं वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण...