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राजस्थान : दलित अत्याचार के आरोपी विधायक को भाजपा ने बनाया उम्मीदवार

धौलपुर जिले के बाड़ी विद्युत निगम के कार्यालय में कार्यरत इंजीनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि पर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके साथ आये लोगों ने हमला करके 22 जगहों से उनकी हड्डियां तोड़ने का आरोप लंबित है। कांग्रेस से बेटिकट किए जाने के बाद भाजपा ने उन्हें शरण दी है

एक दलित इंजीनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि पर प्राणघातक हमला करने वाले विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इस संबंध में राजस्थान के दलितों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराया है। 

गौरतलब है कि बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक रहे गिर्राज सिंह मलिंगा को कांग्रेस से टिकट नहीं देने और किसी भी पार्टी में उसे शामिल नहीं करने की मांग राजस्थान के संयुक्त दलित संगठनों की ओर से की जा रही थी। इन संगठनों की मांग को मानते हुए कांग्रेस ने टिकट नहीं देकर यह मजबूत संदेश दिया है कि दलितों पर अत्याचार करने वालों के साथ कांग्रेस सख्त रुख अपनाएगी और उनके लिए पार्टी कोई सहानुभूति नहीं दिखाएगी, जबकि भाजपा ने उसे पार्टी में शामिल करके दलित समुदाय को स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी में दलित अत्याचार करने वालों के लिए स्थान अभी भी सुरक्षित है। 

अनुसूचित जाति अधिकार अभियान, राजस्थान के सह संयोजक दलित चिंतक भंवर मेघवंशी ने कांग्रेस पार्टी के मलिंगा को टिकट न देने को मजबूत निर्णय बताते हुए स्वागत किया है और इसे महत्वपूर्ण फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि इससे यह मजबूत मैसेज गया है कि कांग्रेस में दलित वर्ग के साथ अन्याय अत्याचार करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। वहीं भाजपा की इस बात के लिए कड़ी आलोचना की है, जिसने समाज के सबसे वंचित, उत्पीड़ित और भेदभाव सहने वाले वाल्मीकि समाज से आने वाले पीड़ित अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने में कोई परहेज़ नहीं करके यह स्थापित कर दिया है कि वह दलित अत्याचारियों की पक्षधर है। 

कांग्रेस से बेटिकट किए जाने के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते गिर्राज सिंह मलिंगा (बाएं)

उल्लेखनीय है कि धौलपुर जिले के बाड़ी विद्युत निगम के कार्यालय में कार्यरत इंजीनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि पर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके साथ आये लोगों ने हमला करके 22 जगहों से उनकी हड्डियां तोड़ने का आरोप लंबित है। घायल दलित इंजीनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि का विगत 580 दिनों से हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। अब भी वे बिस्तर पर हैं और खड़े नहीं हो सकते हैं। ऐसे जघन्य दलित अत्याचार के आरोपी विधायक का टिकट काटने तथा किसी भी पार्टी में नहीं लेने की पुरज़ोर मांग पूरे राज्य से मांग उठ रही थी।

गौरतलब है कि अनुसूचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान की ओर से 30 दिनों तक संपूर्ण राजस्थान में निकाली गई सामाजिक न्याय यात्रा की भी प्रमुख मांग रही कि दलितों पर अत्याचार करने वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया जाए। यह मांग जयपुर में आयोजित जनमंच के दौरान भी उठी तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जारी हुए दलित घोषणा पत्र में भी यह मांग किया गया कि दलित अत्याचार के आरोपी विधायकों व उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिए जाएं, यह मांग राजनीतिक दलों से की गई।

दलित संगठनों ने कहा है कि दलित अत्याचार के आरोपी बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को भाजपा में शामिल करके यह साबित कर दिया गया है कि भाजपा का राजस्थान में दलित अत्याचार का राग सिर्फ चुनावी ढकोसला था, वह सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए प्रदेश में दलित अत्याचारों का हल्ला मचा रही है, जबकि अत्याचार करने वाले आरोपियों की भाजपा शरणगाह बन रही है। संगठनों ने अपने साझे बयान में यह भी कहा है कि प्रदेश में दलित अत्याचारों का अध्ययन किया जाय तो पता चलेगा कि आरोपियों में भाजपा संघ की विचारधारा के समर्थक व शुभचिंतक लोग दलित अत्याचार में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में भाजपा को कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है कि वह दलित हितैषी होने का ढोंग करे।

(संपादन : राजन/नवल/अनिल)


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