जमुआ गांव की सुनीता भारती बताती हैं कि पूरे आठ गांवों में घनी आबादी है कि जब वे उजाड़ दिए जाएंगे तो कहां जाएंगे? इसीलिये धरना दे रहे हैं। अकेले जमुआ गांव में चार हजार...
इस बार के दलित साहित्य उत्सव के मौके पर तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इनमे चौथीराम यादव द्वारा लिखित पुस्तक 'बात कहूं मैं खरी-खरी', डॉ. बलराज सिंहम़ार की पुस्तक 'हिंदी सिनेमा : आलोचनात्मक...
मैं जब पुनाखा जिले की राह में स्थित धार-चू-ला के नज़दीक स्थित एक बौद्ध मठ में गया तो मुझे उसके एक कमरे में जाने से मना किया गया था, लेकिन मैं गलती से उस कक्ष...
अगर मंडल कमीशन और सिमोन द बुआ का स्त्री-विमर्श आ भी गया होता, तब भी तुलसी स्त्री-शूद्र के समर्थक नहीं होते, क्योंकि जब मंडल कमीशन आया था, तो ब्राह्मणों ने ही, जो आज तुलसी के...