स्वाधीनता के बाद अगर किसी हिंदुत्ववादी ताकत का हमारे देश पर राज कायम हो गया होता और उसने सीएमसी को बंद करवा दिया होता तो कांचा काइतैय्या अकाल मृत्यु का शिकार हो जाते। हाल में...
दक्षिणी प्रायद्वीप में आजादी के पहले से आरक्षण लागू है और 85 फ़ीसदी तक इसकी सीमा है। ये राज्य विकसित श्रेणी में आते हैं। जबकि उत्तर भारत की हिंदी पट्टी में जहां आरक्षण आजादी के...
1976 में जब 42वां संविधान संशोधन हुआ तब चाहे वे अटलबिहारी वाजपेयी रहे या फिर आडवाणी या अन्य बड़े नेता, किसी के मुंह से हमने नहीं सुना कि संविधान के इन दो पायों – ‘धर्मनिरपेक्षता’...
संख्या के माध्यम से बहुजन को परिभाषित करने के अनेक खतरे हैं। इससे ‘बहुजन’ को संख्याबल समझ लिए जाने की संभावना बराबर बनी रहेगी। वह भीड़ को समाज का दर्जा देने के बराबर होगा और...