ध्यातव्य है कि इसी नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा 2013 में शुरू की गई चार वर्षीय पाठ्यक्रम को वापस कर दिया था। देखने वाली बात यह कि 2014 में जारी चार वर्षीय पाठ्यक्रम...
बीते 4 जनवरी, 2022 को सिंधुताई सपकाल का निधन हो गया। वे अनाथों की माई कहलाती थीं। उनके संघर्ष और मानवमात्र के कल्याण के लिए उनके अनूठे प्रयासों के बारे में बता रहे हैं जनार्दन...
सवर्णों के जैसे ही अब दलित परिवारों में भी दहेज आदि का चलन बढ़ा है। इसके अलावा पितृसत्तात्मक समाज के जो अवगुण दलित साहित्य में दिखते हैं, वे सब अब इस समाज के लोगों में...
अपने बुनियादी मूल्यों के खिलाफ जाकर आदिवासी समाज अन्य जाति, धर्म या बिरादरी में विवाह करने वाली अपनी महिलाओं के प्रति क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने लगा है। इस प्रवृत्ति के पीछे कौन है? क्या हैं इसके...