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सम-सामयिकी

‘कांवड़ लेने नहीं जाना’ के रचयिता से बातचीत, जिनके खिलाफ दर्ज किया गया है यूपी में मुकदमा
“कुछ निठल्ले सवर्ण शिक्षक हैं स्कूल में। उनका सिर्फ़ एक ही काम रहता है– स्कूल में टाइम पास करना। आप देखिए न कि आज सरकारी स्कूलों में आख़िर कौन पढ़ने आ रहा है। एससी, एसटी...
एसआईआर के जरिए मताधिकार छीने जाने से सशंकित लोगों की गवाही
रूबी देवी फुलवारी शरीफ़ की हैं। उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। उन्होंने जन-सुनवाई में बताया कि “मेरे पास अपने पूर्वजों से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं है। मेरे दादा-दादी और माता-पिता सभी अशिक्षित लोग थे।...
डीयू : पाठ्यक्रम में सिख इतिहास के नाम पर मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रहों को शामिल करने की साजिश
याद रखा जाना चाहिए कि सिख धर्म और समुदाय ने अपने ऐतिहासिक संघर्षों में जातिवाद के विरुद्ध आवाज़ उठाई है और समानता, बराबरी तथा तार्किकता के मूल्यों की पैरवी की है। इन पहलुओं पर ज़ोर...
सपा का ‘पीडीए’ बसपा के ‘बहुजन’ का विकल्प नहीं
कांशीराम का जोर संवैधानिक सिद्धांतिकी को धरती पर उतारने पर था। बसपा मूलतः सामाजिक लोकतंत्रवादी रही। दूसरी ओर, यह बहस का विषय है कि ‘पीडीए’ ने सामाजिक लोकतंत्र की स्थापना में किस हद तक योगदान...
जेएनयू में आंबेडकरवाद के संस्थापक थे प्रोफेसर नंदू राम
प्रोफेसर नंदू राम के समय में जेएनयू में वामपंथ से इतर कुछ भी सोचना एक प्रकार का पाप...
लखनऊ में शायरी एवं कविता के ज़रिए सामाजिक न्याय पर विमर्श
मुख्य अतिथि व कवि प्रोफेसर दिनेश कुशवाह ने इस मौके पर अपनी कविता प्रस्तुत की– “नेता अफसर सेठ,...
कथावाचक कांड : ओबीसी अब भी बेपेंदी के लोटे
गत 21 जून को उत्तर प्रदेश के इटावा में पिछड़े वर्ग के दो भागवत कथावाचकों को ब्राह्मणों द्वारा...
झारखंड : जब रांची में गैर-आदिवासी जमीन उपलब्ध है तो नगड़ी में रिम्स-2 की जिद क्यों?
राज्य सरकार के पास एचईसी की अफरात जमीन है। पांचवी अनुसूची के बाहर जमीन की कोई कमी नहीं...
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