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सम-सामयिकी

पहलगाम हमला : उग्र राष्ट्रवाद का अल्पसंख्यक-विरोधी और जातिवादी चेहरा फिर उजागर
सामाजिक न्याय के विमर्श से हिंदुत्व के उग्र राष्ट्रवाद को परेशानी इस कारण है कि यह विमर्श हिंदू एकता के खोखले दावों के सामने जाति-आधारित हिंदू समाज के गहरे भेदभाव और शोषण की ज़मीनी हक़ीक़त...
दलित रामजी लाल सुमन पर राजपूतों की करणी सेना के हमले का सियासी पक्ष
बाबर और राणा सांगा के नाम पर रामजी लाल सुमन ने जाने-अनजाने ही 2027 के विधान सभा चुनाव का एजेंडा तय कर दिया है। चुनाव अगड़ा बनाम पिछड़ा की पुरानी थीम पर लौट रहा है।...
हिंदी पट्टी के लिए फुले दंपत्ति के जीवन पर एक आवश्यक फिल्म
हम सबने यह पढ़ा है कि किस तरह इस संतानहीन दंपत्ति ने ढेर सारी मुसीबतों का सामना करते हुए महिलाओं की एक पीढ़ी को शिक्षित किया। मगर पर्दे पर इसका सिनेमाई रूपांरण देखते हुए हमें...
रोज केरकेट्टा, एक विद्वान लेखिका और मानवाधिकार की उद्भट सिपाही
रोज दी जितनी बड़ी लेखिका थीं और उतनी ही बड़ी मानवाधिकार के लिए लड़ने वाली नेत्री भी थीं। वह बेहद सरल और मृदभाषी महिला थीं। जिस वक्त झारखंड में महिला अधिकारों की कोई चर्चा नहीं...
जोतीराव फुले और हमारा समय
असहिष्णुता और प्रतिगामी सोच के इस दौर में फुले को पढ़ना और समझना मुश्किल ही नहीं, बल्कि असंभव...
सामाजिक न्याय का पेरियारवादी मॉडल ही समयानुकूल
आमजनों को दोष देने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उनके दलित-ओबीसी नेताओं ने फुले-आंबेडकरवाद को ब्राह्मणों और...
एक नहीं, हजारों डॉ. रोज केरकेट्टा की आवश्यकता
डॉ. रोज केरकेट्टा के भीतर सवर्ण समाज के ज़्यादातर प्रोफेसरों की तरह ‘सभ्य बनाने’ या ‘सुधारने’ की मानसिकता...
महाबोधि विहार मुक्ति आंदोलन : सिर्फ फेसबुक पर ही मत लिखिए, आंदोलन में शामिल भी होइए
इस आंदोलन का एक यह भी दुखद पहलू है कि जिस बिहार की धरती पर ब्राह्मणवादियों का आजादी...
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