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सम-सामयिकी

बिहार विधानसभा चुनाव : जाति के बाजार में एसआईआर का जलवा
इस चुनाव में जाति ही केंद्रीय विषय रही। जाति की पार्टी, पार्टी की जाति, जाति का उम्‍मीदवार और उम्‍मीदवार की जाति के आसपास पूरा चुनाव अभियान घूमता रहा। इस चुनाव में कोईरी की तरह भूमिहार...
बिहार चुनाव : एनडीए जीता तो बढ़ जाएगी विधान सभा में ऊंची जातियों की हिस्सेदारी
वर्ष 1990 में जब बिहार के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में एक मोड़ आता है और लालू यादव सत्ता की बागडोर संभालते हैं तो विधान सभा की सामाजिक संरचना भी उलट जाती है। पहली बार पिछड़े विधायकों...
बिहार में भाजपा : कुर्मी के बजाय भूमिहार के माथे पर ताज की रणनीति
ललन सिंह जब अकड़-अकड़ कर मोकामा को अनंतमय कर देने और विरोधी वोटरों को घरों में बंद कर देने की बात कर रहे थे तब ऐसा लग रहा था कि घोड़े पर सवार आक्रांताओं की...
राहुल गांधी और एक दलित छात्र के बीच बातचीत
बिहार का अच्छा होना या देश का अच्छा होना तब तक हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता जब तक हमारा समाज आगे नहीं बढ़ेगा, क्योंकि जब तक समाज आगे नहीं जाएगा, तब तक हमारी हालत...
झारखंड उप चुनाव : जनता के हितों की नहीं, नेताओं की प्रतिष्ठा की लड़ाई
घाटशिला में भाजपा के पास एक मुद्दा यह था कि वह झामुमो के वंशवाद पर आक्रमण करती, लेकिन...
उत्तर प्रदेश : खाद के लिए किसानों से कागज मांग रही सरकार
सरकार का कहना है कि स्थानीय साधन सहकारी समिति में नामांकन करवाकर सदस्य बनने पर कृषक कार्ड मिलेगा।...
सवर्ण या गैर-सवर्ण का होगा राज, तय करेगा बिहार, लेकिन सवाल और भी हैं
जदयू की दिख रही संगठनात्मक कमज़ोरी और नीतीश कुमार की ढलती उम्र को भाजपा अपने लिए अवसर के...
आरएसएस और भाजपा को डॉ. आंबेडकर से चिढ़ क्यों?
जैसे दक्षिणपंथी विचारधारा के लोग दान-पुण्य देने को सबसे बड़ा उपकार मानते हैं। वे अधिकार देने के भाव...
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