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बिहार : भाजपा की नीतीश सरकार द्वारा ताबड़तोड़ घोषणाओं का निहितार्थ

घोषणाएं नीतीश कुमार के नाम से हो रही हैं। लेकिन वे कहीं सुनाई नहीं दे रहे हैं। वह सिर्फ दिखाई दे रहे हैं। बिहार में एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा, इस सवाल को बड़ी चालाकी से दबाया जा रहा है। दूसरी ओर महागठबंधन में, जहां ‘तेजस्वी तय है’, तथाकथित मेनस्ट्रीम मीडिया वहां मुख्यमंत्री...

बिहार : भाजपा की नीतीश सरकार द्वारा ताबड़तोड़ घोषणाओं का निहितार्थ
घोषणाएं नीतीश कुमार के नाम से हो रही हैं। लेकिन वे कहीं सुनाई नहीं दे रहे हैं। वह सिर्फ दिखाई दे रहे हैं। बिहार...
ओबीसी और ईबीसी के लिए मुंगेरीलाल आयोग के सपनों की तासीर
नाई जाति के बारे में आयोग ने लिखा कि “इस जाति के पारंपरिक पेशे की अनिवार्यता सभी के लिए है। शहरों में आज सैलून...
झारखंड के कुड़मी इन कारणों से बनना चाहते हैं आदिवासी
जैसे ट्रेन के भरे डब्बे की अपेक्षा लोग अपेक्षाकृत खाली डब्बे में चढ़ना चाहते हैं, उसी तरह ओबीसी के तहत मिलने वाले आरक्षण में...
बिहार विधानसभा चुनाव और अति पिछड़ी जातियों की भूमिका
अति पिछड़ा वर्ग की सूची में समय-समय पर अनेक जातियों को जोड़ा गया। यहां तक कि लालू प्रसाद के कार्यकाल में भी जोड़ा गया।...
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की सरकार की मंशा ही नहीं : मनीष कुंजाम
“जब नक्सलियों से बातचीत होगी तो मुझे ऐसा लगता है कि बातचीत करने के उपरांत वे अपना हथियार छोड़ सकते हैं। और यदि ऐसा...
दुनिया लेखकों से चलती है (भाग 2)
शैव और वैष्णव दर्शन की मान्यता में ज़मीन आसमान का अंतर है और दोनों दर्शन के अनुयायियों में खूब लंबे समय तक वैचारिक लड़ाई...
दुनिया लेखकों से चलती है (भाग 1)
‘बहुजन’ से अभिप्राय केवल संख्या के आधार पर बहुजन से नहीं है, बल्कि तथाकथित मुख्यधारा की धार्मिक और सामाजिक व्यवस्था के द्वारा हज़ारों साल...
दलित अध्ययन : सबाल्टर्न से आगे
दलित स्टडीज के पहले खंड (2016) ने इस नए अध्ययन क्षेत्र को स्थापित किया, दलित राजनीति और सोच को उनके ऐतिहासिक संदर्भों में प्रस्तुत...
गांधी के अछूतोद्धार की साजिश के बारे में बताती है मेरी फिल्म ‘कल्लू गांधी’ : कैलाश चंद
“इस फिल्म की कहानी महात्मा गांधी की एक इच्छा पर आधारित है। इसके दस्तावेजी प्रमाण हैं कि वर्ष 1927 में उन्होंने अपनी यह इच्छा...
तालियों की गड़गड़ाहट से नहीं दरकती राजस्थानी लोक-कलाकारों की ‘जाति’ की दीवार
मांगणियार और लंगा राजस्थान के लोकसंगीत की विरासत को रेगिस्तान के बीच बसे अपने गांवों से बहुत दूर तक ले गए हैं। मगर यह...
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में दलित साहित्य
दलित साहित्य के सौंदर्यशास्त्र का विकास दलित समाज, उसकी चेतना, संस्कृति और विचारधारा पर निर्भर करता है, जो एक लंबी प्रक्रिया में होते हुए...
बानू मुश्ताक की कहानियों में विद्रोही महिलाएं
सभी मुस्लिम महिलाओं को लाचार और बतौर वस्तु देखी जाने वाली बताने की बजाय, लेखिका हमारा परिचय ऐसी महिला किरदारों से कराती हैं जो...
योनि और सत्ता पर संवाद करतीं कविताएं
पितृसत्ता की जड़ें समाज के हर वर्ग में अत्यंत गहरी हो चुकी हैं। फिर चाहे वह प्रगतिशीलता के आवरण में लिपटा तथाकथित प्रगतिशील सभ्य...
रोज केरकेट्टा का साहित्य और उनका जीवन
स्वभाव से मृदु भाषी रहीं डॉ. रोज केरकेट्टा ने सरलता से अपने लेखन और संवाद में खड़ी बोली हिंदी को थोड़ा झुका दिया था।...
भक्ति आंदोलन का पुनर्पाठ वाया कंवल भारती
आलोचक कंवल भारती भक्ति आंदोलन की एक नई लौकिक और भौतिक संदर्भों में व्याख्या करते हैं। इनका अभिधात्मक व्याख्या स्वरूप इनके पत्रकार व्यक्तित्व का...
वायकोम सत्याग्रह : सामाजिक अधिकारों के लिए पेरियार का निर्णायक संघर्ष
गांधी, पेरियार को भी वायकोम सत्याग्रह से दूर रखना चाहते थे। कांग्रेस गांधी के प्रभाव में थी, किंतु पेरियार का निर्णय अटल था। वे...
बी.पी. मंडल का ऐतिहासिक संबोधन– “कोसी नदी बिहार की धरती पर स्वर्ग उतार सकती है”
औपनिवेशिक बिहार प्रांत में बाढ़ के संदर्भ में कई परामर्श कमिटियां गठित हुईं। बाढ़ सम्मलेन भी हुए। लेकिन सभी कमिटियों के गठन, सम्मलेन और...
जब महामना रामस्वरूप वर्मा ने अजीत सिंह को उनके बीस हजार का चेक लौटा दिया
वर्मा जी अक्सर टेलीफोन किया करते थे। जब तक मैं उन्हें हैलो कहता उसके पहले वे सिंह साहब नमस्कार के द्वारा अभिवादन करते थे।...
जब हमीरपुर में रामस्वरूप वर्मा जी को जान से मारने की ब्राह्मण-ठाकुरों की साजिश नाकाम हुई
हमलोग वहां बस से ही गए थे। विरोधियों की योजना यह थी कि वर्मा जी जैसे ही बस में चढ़ें, बस का चालक तेजी...
जगजीवन राम को कैसे प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया गया?
जयप्रकाश नारायण को संसदीय दल के नेता का चुनाव करवा देना चाहिए था। इस संबंध में प्रख्यात पत्रकार कुलदीप नैय्यर ने अपनी पुस्तक ‘एक...