नई दिल्लीं : फॉरवर्ड प्रेस के अक्टूबर अंक ‘बहुजन-श्रमण परम्परा’ के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक दक्षिण पंथी छात्र समूह से प्राप्त शिकायत पर 9 अक्टूबर, 2014 को दिल्ली पुलिस ने प्रेस के दफ्तर और इसके प्रधान सम्पादक आयवन कोस्का के घर पर छापा मारा। पुलिस अक्टूबर अंक की प्रतियाँ जब्त कर ले गई और इसके कर्मचारियों को देर रात तक हिरासत में रखा। इस घटनाक्रम के बाद प्रधान सम्पादक आयवन कोस्का और सलाहकार सम्पादक प्रमोद रंजन को अग्रिम जमानत लेनी पड़ी है।
बहुजन हितों की आवाज बनी फारवर्ड प्रेस पर पुलिस कारवाई को लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताते हुए देशव्यापी प्रदर्शन हुए, जिनमें बड़ी संख्या में विभिन्न तबकों के बुद्धिजीवी व युवा शामिल हुए।






(फारवर्ड प्रेस के नवम्बर 2014 अंक में प्रकाशित)
फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्त बहुजन मुद्दों की पुस्तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्य, सस्कृति व सामाजिक-राजनीति की व्यापक समस्याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in