मई 2009 : एमपी प्रिंटर्स, नोएडा के प्रेस में आयवन कोस्का पत्रिका के प्रवेशांक की छपाई शुरू करने का संकेत देते हुएमई 2009 : एफपी की पहली टीम प्रवेशांक के नेहरु प्लेस कार्यालय में पहुँचने का जश्न मनाते हुएअप्रैल 2010 : एफपी की पहली वर्षगाँठ पर कांस्टीट्युशन क्लब, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में ध्यानमग्न श्रोताअप्रैल 2011 : एफपी की दूसरी वर्षगांठ पर मुख्य अतिथि शरद यादव, टॉम वुल्फ की ‘फुले इन हिज ओन वड्र्स’ का हिंदी संस्करण जारी करते हुएअप्रैल 2012 : एफपी की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में वामन मेश्राम के संबोधन को सुनते हुए मुख्य अतिथि अरविंद कुमारजून 2014 : एफपी की पांचवीं वर्षगाँठ के अवसर पर (बाएं से) वीरभारत तलवार, रमणिका गुप्ता, आयवन कोस्का, सिल्विया कोस्का, प्रमोद रंजन, मुख्य अतिथि सीएसडीएस के संजय कुमार, सुषमा यादव और राजेन्द्र कश्यपजून 2014 : एफपी की पांचवीं वर्षगाँठ के अवसर पर (बाएं से) संजय कुमार, सुषमा यादव और राजिंदर कश्यप को क्रमश: महात्मा फुले और क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले बलिजन रत्न सम्मान से विभूषित करते हुएअप्रैल 2015 : फारवर्ड प्रेस की छठवीं वर्षगांठ पर (बाएं से) प्रमोद रंजन, ब्रजरंजन मणि, सुजाता पारमिता, अरविंद जैन, अली अनवर, श्योराज सिंह बेचैन, मुख्य अतिथि अरुंधति रॉय, रमणिका गुप्ता और रामदास अठावले
(फॉरवर्ड प्रेस के अंतिम प्रिंट संस्करण, जून, 2016 में प्रकाशित)