आधुनिक भारत में आदिवासी शब्द के मायने और निहितार्थ
मानव विकास के क्रम में हर जाति, संप्रदाय, धर्म, एथेनिक वर्ग के लोग किसी न किसी कबीलाई समूह से ही विकसित हुए हैं। यानी सभी जाति, धर्म के लोग आदिवासी जीवन के कार्यकाल से गुजरे हैं। इतिहास साक्षी है कि सबसे पहले आदिवासी से सभ्य नागरिक बनने के प्रमाण सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा और मोहनजोदड़ाे) से मिले हैं और यह भी सिद्ध हो चुका है कि सिंधु घाटी सभ्यता यहां के मूल निवासियों और जनजातियों की एक विकसित शहरी सभ्यता थी।
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