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नक्षत्र मालाकार : जिन्हें गुमनामी के अंधेरे में धकेल दिया गया

माली जाति में जन्मे नक्षत्र मालाकार का नाम अंग्रेज़ों और देशी राज की फाइलों में ‘ए नोटोरियस कम्युनिस्ट’ ‘डकैत’ तथा ‘रॉबिनहुड’ के नाम से विख्यात है। आज़ादी के पहले उनका अधिकांश जीवन अंग्रेज़ों तथा आततायी सामंतों से खूनी भिडंत में बीता, तो आज़ाद भारत में भी 14 साल तक उन्होंने जेल की सज़ा काटी। बता रहे हैं अरूण नारायण :

चिरंतन विद्रोही : नक्षत्र मालाकार

नक्षत्र मालाकार (जन्म : 9 अक्टूबर, 1905 – निधन : 27 सितंबर, 1987)

जो पुल बनाएंगे

वे अनिवार्यतः

पीछे रह जाएंगे

सेनाएं हो जाएंगी पार

मारे जाएंगे रावण

जयी होंगे राम

जो निर्माता रहे

इतिहास में बंदर कहलाएंगे।’

– अज्ञेय

पूरा आर्टिकल यहां पढें : नक्षत्र मालाकार : जिन्हें गुमनामी के अंधेरे में धकेल दिया गया

 

 

 

 

 

 

लेखक के बारे में

अरुण नारायण

हिंदी आलोचक अरुण नारायण ने बिहार की आधुनिक पत्रकारिता पर शोध किया है। इनकी प्रकाशित कृतियों में 'नेपथ्य के नायक' (संपादन, प्रकाशक प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन, रांची) है।

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