1990 के दशक में तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार ने बाबासाहेब आंबेडकर की संपूर्ण रचनाओं के संग्रह को सभी अनुसूचित भारतीय भाषाओं में अनूदित कराने की योजना घोषित की थी। उस समय तक, 21 खण्डों में संकलित, उनकी रचनाएँ केवल अंग्रेज़ी में उपलब्ध थीं। राव सरकार ने कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया था। लिहाज़ा, यह स्पष्ट था कि बाबासाहेब आंबेडकर की रचनाओं का अनुवाद इन भाषाओं में भी किया जाएगा। कालांतर में, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के तहत आठवीं अनुसूची में बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को भी शामिल किया गया।
पूरा आर्टिकल यहां पढें : 25 वर्षों बाद भी अधूरा है आंबेडकर के लेखों-भाषणों का हिंदी अनुवाद