केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बजट पेश किया। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में उन्होंने छोटे व्यवसायियों के हितों की रक्षा के लिए एक नयी योजना की घोषणा की। इस योजना को प्रधानमंत्री कर्मयोगी मानधन की संज्ञा दी गयी है।
ध्यातव्य है कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) लागू किए जाने के बाद देश में छोटे दुकानदारों व थोक विक्रेताओं का कारोबार प्रभावित हुआ। इसके बाद पूरे देश में दुकानदारों/व्यवसायियों द्वारा खुदकुशी की घटनाएं सामने आयीं। इनमें अधिकांश निम्न वैश्य वर्ग के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्ग के थे। इसे लेकर सरकार को आलोचनाएं झेलनी पड़ रही थी। हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजटीय संबोधन में इसका जिक्र नहीं किया कि जीएसटी के कारण व्यवसायियों को किसी तरह का नुकसान हुआ।
इस योजना का लाभ करीब तीन करोड़ उन छोटे दुकानदारों और थोक विक्रेताओं को मिलेगा जिनका वार्षिक टर्न ओवर डेढ़ करोड़ रुपए तक है। सरकार उन्हें पेंशन देगी। इसके लिए सरकार ने 750 करोड़ रुपए का बजटीय उपबंध किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए के किसी भी दुकानदार/थोक विक्रेता को केवल अपना आधार कार्ड और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी। शेष जानकारियां यानी कारोबार संबंधी जानकारियां वे स्वयं घोषित कर सकेंगे। यानी उन्हें इसके लिए किसी चार्टड एकाउंटेंट की जरूरत नहीं होगी।
यह भी पढ़ें : कौन है इस वैश्य परिवार की सामूहिक आत्महत्या का जिम्मेवार?
बहरहाल, जीएसटी के कारण छोटे दुकानदारों और थोक विक्रेताओं की समस्याएं घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं। यहां तक कि बजट के पहले आर्थिक विशेषज्ञों के साथ बैठक व जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह स्वीकार किया था कि जीएसटी के क्रियान्वयन में संशोधन आवश्यक है ताकि इसका असर छोटे दुकानदारों पर नहीं पड़े। वैसे सवाल अब भी शेष है कि क्या केंद्र की नयी पहल व्यवसायियों को आत्महत्या से बचा पाएगी?
(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)
फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्त बहुजन मुद्दों की पुस्तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्य, सस्कृति व सामाजिक-राजनीति की व्यापक समस्याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in
फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें
मिस कैथरीन मेयो की बहुचर्चित कृति : मदर इंडिया
दलित पैंथर्स : एन ऑथरेटिव हिस्ट्री : लेखक : जेवी पवार