h n

विश्लेषण

-

क्लिक करें :

Why is Karnataka not releasing its recent caste census report?

 उपरोक्त सामग्री अभी सिर्फ हिंदी में उपलब्ध है। अगर आप इसका अंग्रेजी अनुवाद करना चाहते हैं तो कृपया संपर्क करें। गुणवत्तापूर्ण अनुवादों को हम आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे।  Email : editor@forwardpress.in


[फारवर्ड  प्रेस भारत के  सामाजिक व सांस्कृतिक रूप से दबाए गए तबकों – यथा, अन्य पिछडा वर्ग, अनुसूचित जनजातियों, विमुक्त घुमंतू जनजातियों, धर्मांतरित अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दों को आवाज देने लिए प्रतिबद्ध है। यह एक द्विभाषी (अंग्रेजी-हिंदी) वेबसाइट है। हम हर सामग्री  हिंदी व अंग्रेजी में प्रकाशित करते हैं, ताकि इन्हें यथासंभव देश-व्यापी पाठक वर्ग मिल सके। लेखक व स्वतंत्र पत्रकार अपने लेख दोनों में से किसी एक भाषा में भेज सकते हैं।

फारवर्ड प्रेस के इस अभियान का सुचारू रूप से संचालन के लिए ऐच्छिक योगदान करने के इच्छुक अनुभवी अनुवादकों का  स्वागत है]

मुखपृष्ठ पर जाने के लिए यहां क्लिक करें :

लेखक के बारे में

अनिल वर्गीज

अनिल वर्गीज फारवर्ड प्रेस के प्रधान संपादक हैं

संबंधित आलेख

बिहार चुनाव : इन राजनीतिक कारणों से हुआ इंडिया गठबंधन का सूपड़ा साफ
नीतीश कुमार की जनसभाओं में जीविका से जुड़ी महिलाओं के अलावा विकास मित्रों और टोला सेवकों की सुनिश्चित भीड़ हमेशा दिखाई देती रही। जीविका...
विधायकों-नेताओं के नाम खुला पत्र – झारखंड के 25 साल : कौन खाया, कौन खोया?
आप, झारखंड के राजनीतिक नेतागण, इसके लिए मुख्य रूप से ज़िम्मेदार हैं। झारखंड आंदोलन के दिग्गजों से प्रेरणा और सीख लेने और आम लोगों...
बिहार विधानसभा चुनाव : जाति के बाजार में एसआईआर का जलवा
इस चुनाव में जाति ही केंद्रीय विषय रही। जाति की पार्टी, पार्टी की जाति, जाति का उम्‍मीदवार और उम्‍मीदवार की जाति के आसपास पूरा...
बिहार चुनाव : एनडीए जीता तो बढ़ जाएगी विधान सभा में ऊंची जातियों की हिस्सेदारी
वर्ष 1990 में जब बिहार के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में एक मोड़ आता है और लालू यादव सत्ता की बागडोर संभालते हैं तो विधान सभा...
बिहार में भाजपा : कुर्मी के बजाय भूमिहार के माथे पर ताज की रणनीति
ललन सिंह जब अकड़-अकड़ कर मोकामा को अनंतमय कर देने और विरोधी वोटरों को घरों में बंद कर देने की बात कर रहे थे...