अब यह लगभग साफ हो गया है कि केंद्र सरकार, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण को लेकर एक ऐसा कदम उठाने जा रही है जिसका एक संभावित परिणाम यह भी हो सकता है कि आरक्षण का लाभ अधिकांश ओबीसी लोगों को मिले ही ना। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा गठित बी. पी. शर्मा कमेटी की उस अनुशंसा को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने अंतरिम सहमति दे दी है, जिसके मुताबिक क्रीमीलेयर के निर्धारण में वेतन से प्राप्त आय को भी शामिल किया जा सकेगा। इसे लेकर जहां एक ओर भाजपा के ओबीसी सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर गुहार लगा रहे हैं कि वार्षिक आय में वेतन से प्राप्त आय को शामिल न किया जाय तो दूसरी ओर फारवर्ड प्रेस से दूरभाष पर बातचीत में केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने एक अजीबोगरीब बयान दिया है। उनके मुताबिक वार्षिक आय में वेतन से प्राप्त आय पहले से ही शामिल रही है!
ओबीसी आरक्षण : केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत का अजीबोगरीब बयान
ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर जहां एक ओर खबर है कि पिछड़े वर्गों के लिए राष्ट्रीय आयोग ने बी. पी. शर्मा कमेटी की अनुशंसा को हरी झंडी दे दी है, वहीं केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने अजीबोगरीब बयान दिया है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि शर्मा कमेटी की अनुशंसा लागू हो गई तब बड़ी संख्या में ओबीसी अभ्यर्थी आरक्षण से बाहर कर दिए जाएंगे। नवल किशोर कुमार की खबर