एक दलित इतिहासविद की दृष्टि में केरल का अतीत और वर्तमान
महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोट्टयम, केरल, में इतिहास के प्राध्यापक और बहुचर्चित पुस्तक ‘मॉडर्निटी ऑफ़ स्लेवरी: स्ट्रगल्स अगेंस्ट कास्ट इनइक्वलिटी इन कोलोनियल केरला’ के लेखक पी. सनल मोहन, फारवर्ड प्रेस से अपने विस्तृत साक्षात्कार के इस पहले भाग में बता रहे हैं कि उन्होंने केरल में गुलामी – जो बीसवीं सदी तक जारी रही – पर शोध करने का निर्णय क्यों लिया और किस तरह वे कुछ चौंकाने वाले निष्कर्षों पर पहुंचे।