साक्षात्कार
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन के नब्बे दिन पूरे होने को हैं। एक तरफ यह आंदोलन अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान आदि राज्यों में किसान महापंचायतों के माध्यम से विस्तृत होता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बिहार में इस आंदोलन को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। इसके पीछे कारण क्या हैं। इन्हीं सवालों को लेकर फारवर्ड प्रेस के हिंदी संपादक नवल किशोर कुमार ने भाकपा माले के पूर्व विधायक एन. के. नंदा से दूरभाष पर खास बातचीत की। प्रस्तुत है इस बातचीत का संपादित अंश :