h n

प्रयागराज में गंगा किनारे ये हजारों ताजा कब्रें, कोरोना से दलित-बहुजनों की मौत का प्रमाण हैं

उत्तर प्रदेश और बिहार के इलाके में गंगा में उतराती लाशों व गंगा के किनारे दफन लाशों को लेकर सवाल उठाया जा रहा है। सवाल यह कि ये लाशें किनकी हैं। सुशील मानव बता रहे हैं कि दफन अथवा नदियों में प्रवाहित करने की परंपरा दलित-बहुजनों की रही है

गत 9 मई, 2021 को नाना जी (अमरनाथ तिवारी) की अंत्येष्टि के लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) के श्रृंगवेरपुर घाट जाना हुआ। वहां एक तरफ दर्जनों लाशें गंगा के पानी को छूती हुई बिल्कुल किनारों पर जलाई जा रही थीं तो दूसरी ओर अनगिनत ताजा लाशें रेत में दफन दिखीं। मेरे अनुमान से लाशों की संख्या पांच हजार से अधिक होंगी। इन लाशों को बांस की फट्टियों से घेरा गया था साथ ही उन पर पड़े चमकते क़फ़न बिन कहे गवाही दे रहे थे कि सभी लाशें हाल की हैं। कोई 2 दिन तो कोई 5-10 दिन पुरानी।

पूरा आर्टिकल यहां पढें : प्रयागराज में गंगा किनारे ये हजारों ताजा कब्रें, कोरोना से दलित-बहुजनों की मौत का प्रमाण हैं

लेखक के बारे में

सुशील मानव

सुशील मानव स्वतंत्र पत्रकार और साहित्यकार हैं। वह दिल्ली-एनसीआर के मजदूरों के साथ मिलकर सामाजिक-राजनैतिक कार्य करते हैं

संबंधित आलेख

वजीरपुर के स्वाभिमान अपार्टमेंट्स और दिल्ली चुनाव
इन अपार्टमेंट्स के लिए आवंटन 2009 में किया गया, लेकिन इसके लिए टेंडर 2014 में निकाले गए और निर्माण कार्य 2017 में प्रारंभ हुआ,...
जेएमडी की नाराज़गी पड़ी आम आदमी पार्टी को भारी
झुग्गियों पर डीडीए की बुलडोज़र कार्रवाई, सीएए-एनआरसी मुद्दे पर आंदोलन और फिर उत्तरी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों पर चुप्पी से पार्टी के कोर...
यूजीसी के नए मसौदे के विरुद्ध में डीएमके के आह्वान पर जुटान, राहुल और अखिलेश भी हुए शामिल
डीएमके के छात्र प्रकोष्ठ द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आरएसएस और भाजपा इस देश को भाषा...
डायन प्रथा के उन्मूलन के लिए बहुआयामी प्रयास आवश्यक
आज एक ऐसे व्यापक केंद्रीय कानून की जरूरत है, जो डायन प्रथा को अपराध घोषित करे और दोषियों को कड़ी सज़ा मिलना सुनिश्चित करे।...
राहुल गांधी का सच कहने का साहस और कांग्रेस की भावी राजनीति
भारत जैसे देश में, जहां का समाज दोहरेपन को अपना धर्म समझता है और राजनीति जहां झूठ का पर्याय बन चली हो, सुबह बयान...