गत 9 मई, 2021 को नाना जी (अमरनाथ तिवारी) की अंत्येष्टि के लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) के श्रृंगवेरपुर घाट जाना हुआ। वहां एक तरफ दर्जनों लाशें गंगा के पानी को छूती हुई बिल्कुल किनारों पर जलाई जा रही थीं तो दूसरी ओर अनगिनत ताजा लाशें रेत में दफन दिखीं। मेरे अनुमान से लाशों की संख्या पांच हजार से अधिक होंगी। इन लाशों को बांस की फट्टियों से घेरा गया था साथ ही उन पर पड़े चमकते क़फ़न बिन कहे गवाही दे रहे थे कि सभी लाशें हाल की हैं। कोई 2 दिन तो कोई 5-10 दिन पुरानी।