“मैं जानती हूं कि मैं जो बस्तर में अपने लोगों के हक-हुकूक के लिए कर रही हूं, इसके लिए सरकार हमें जेल भी भेज सकती है और चाहे तो गोली भी मार सकती है। जासूसी कराने के पीछे उनका मकसद यही रहा होगा कि सोनी सोरी के खिलाफ कुछ सबूत मिल जाय ताकि उसके आधार पर उसे जेल भेजा जाय और अंतत: उसे काम करने से रोका जाय। और क्या कारण हो सकता है मेरी जासूसी का?” ये बातें फारवर्ड प्रेस से दूरभाष पर बातचीत में छत्तीसगढ़ की प्राख्यात सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने कही।