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बहस-तलब : जाति जानो उत्पीड़कों की

यह समझना जरूरी है कि इस समय कुमहेर में दलितों पर हिंसा गुर्जरों ने की और उनके बड़े संगठन इस घटना पर चुप रहे। विचार करने योग्य बात यह है कि यह सब डॉ. आंबेडकर की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम से चिढ़कर ऐसे प्रयास किए गए। जबकि वे लोग ही जब आरक्षण और राजनीति का मसला आता है तो फिर ‘बहुजन समाज’ का नाम लेकर ‘सबका हित एक समान’ का नारा देते हैं। बता रहे हैं विद्या भूषण रावत

अभी कुछ दिनों पहले राजस्थान मे भरतपुर जिले का कुमहेर कस्बा खबरों मे था। वहां से खबर आयी कि बड़ी संख्या मे दलितों ने पलायन किया है। वजह यह रही कि बीते 14 अप्रैल, 2022 को आंबेडकर जयंती के एक कार्यक्रम को गुर्जर समाज के लोगों द्वारा हिंसक तौर पर रुकवाया गया। खबर मुकम्मल नहीं थी।

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लेखक के बारे में

विद्या भूषण रावत

विद्या भूषण रावत सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता हैं। उनकी कृतियों में 'दलित, लैंड एंड डिग्निटी', 'प्रेस एंड प्रेजुडिस', 'अम्बेडकर, अयोध्या और दलित आंदोलन', 'इम्पैक्ट आॅफ स्पेशल इकोनोमिक जोन्स इन इंडिया' और 'तर्क के यौद्धा' शामिल हैं। उनकी फिल्में, 'द साईलेंस आॅफ सुनामी', 'द पाॅलिटिक्स आॅफ राम टेम्पल', 'अयोध्या : विरासत की जंग', 'बदलाव की ओर : स्ट्रगल आॅफ वाल्मीकीज़ आॅफ उत्तर प्रदेश' व 'लिविंग आॅन द ऐजिज़', समकालीन सामाजिक-राजनैतिक सरोकारों पर केंद्रित हैं और उनकी सूक्ष्म पड़ताल करती हैं।

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