आंबेडकर-गांधी विवाद इसलिए प्रासंगिक नहीं है, कि आज न आंबेडकर हैं और न गांधी, तो जख्म क्यों कुरेदे जाएँ? यह विवाद जख्म कुरेदने से सम्बन्धित नहीं है, बल्कि यह विचारधारा का विवाद है। और यह विवाद इसलिए प्रासंगिक है, क्योंकि आंबेडकर और गांधी दो व्यक्ति न होकर, दो अलग-अलग विचारधाराएँ हैं। आंबेडकर आधुनिकता के और गांधी पुरातनवाद के प्रतीक हैं। दूसरे शब्दों में, आंबेडकर का विचार स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व पर आधारित नए भारत का निर्माण का है, जबकि गांधी का विचार रामराज्य-आधारित हिंदुत्व के पुनरुत्थान का है।
लेखक के बारे में

कंवल भारती
कंवल भारती (जन्म: फरवरी, 1953) प्रगतिशील आंबेडकरवादी चिंतक आज के सर्वाधिक चर्चित व सक्रिय लेखकों में से एक हैं। ‘दलित साहित्य की अवधारणा’, ‘स्वामी अछूतानंद हरिहर संचयिता’ आदि उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं। उन्हें 1996 में डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा 2001 में भीमरत्न पुरस्कार प्राप्त हुआ था।