फाहियान ने वर्णन किया है कि गुप्तकाल में एक अस्पृश्य वर्ग था। स्मृतियों में शूद्रों और अस्पृश्यों में अंतर माना गया। गुप्तोत्तर काल में छुआछूत की भावना बढ़ी। चतुर्वर्णी व्यवस्था को ईश्वरीय बनाने के पीछे...
यह प्रतीत होता है कि ‘ओ होली नाईट’ राजनैतिक प्रतिरोध का गीत था। ज़रा कल्पना करें कि गृहयुद्ध के पहले के कुछ सालों में श्वेत अमरीकी गा रहे हैं– “वह जंजीरों को तोड़ देगा, क्योंकि...
यह फिल्म, जिसे 95वें ऑस्कर पुरस्कारों के लिए बेस्ट इंटरनेशनल फीचर श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया है, में ‘निर्धन ब्राह्मण’ सतत उपस्थित है। बता रहे हैं नीरज बुनकर
विवाह संस्था जाति-धर्म की शुद्धता को बनाये रखने का एक तरीका मात्र है, इसलिए समाज उसका हामी है और इसलिए वह ऐसे जोड़ों की मदद को तत्पर भी रहता है। समाज और रिश्तेदार रिश्ते को...