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समाज और संस्कृति

बहुजनों के वास्तविक गुरु कौन?
अगर भारत में बहुजनों को ज्ञान देने की किसी ने कोशिश की तो वह ग़ैर-ब्राह्मणवादी परंपरा रही है। बुद्ध मत, इस्लाम, अंग्रेजों और ईसाई मिशनरियों ने बहुजनों के लिए शिक्षा के दरवाज़े खोले। बुद्ध, कबीर,...
ग्राम्शी और आंबेडकर की फासीवाद विरोधी संघर्ष में भूमिका
डॉ. बी.आर. आंबेडकर एक विरले भारतीय जैविक बुद्धिजीवी थे, जिन्होंने ब्राह्मणवादी वर्चस्व को व्यवस्थित और संरचनात्मक रूप से चुनौती दी। उन्होंने हाशिए के लोगों से बहुत ही कठिनाई से परिवर्तित होने वाले शक्ति-संबंधों को तोड़ने...
मध्य प्रदेश : विकास से कोसों दूर हैं सागर जिले के तिली गांव के दक्खिन टोले के दलित-आदिवासी
बस्ती की एक झोपड़ी में अनिता रहती हैं। वह आदिवासी समुदाय की हैं। उन्हें कई दिनों से बुखार है। वह कहतीं हैं कि “मेरी झोपड़ी की दीवारें कच्ची हैं। ये दरक रही हैं। झोपड़ी पर...
विस्तार से जानें चंद्रू समिति की अनुशंसाएं, जो पूरे भारत के लिए हैं उपयोगी
गत 18 जून, 2024 को तमिलनाडु सरकार द्वारा गठित जस्टिस चंद्रू समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को सौंप दी। इस समिति ने स्कूलों में जाति के उन्मूलन के लिए अपनी अनुशंसाएं प्रस्तावित किए...
नालंदा विश्वविद्यालय के नाम पर भगवा गुब्बारा
हालांकि विश्वविद्यालय द्वारा बौद्ध धर्म से संबंधित पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लेकिल इनकी आड़ में नालंदा विश्वविद्यालय...
लाला हरदयाल का दृष्टि दोष (संदर्भ : भगत सिंह के दस्तावेज)
ऐसा क्या कारण था कि भारतीय समाज-व्यवस्था को जितनी गहराई से पेरियार रामासामी नायकर और डॉ. आंबेडकर जैसे...
दुखद है सैकड़ों का जीवन सुखमय बनानेवाले कबीरपंथी सर्वोत्तम स्वरूप साहेब की उपेक्षा
सर्वोत्तम स्वरूप साहेब ने शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए सद्गुरु कबीर साहेब के...
हिजाब और अशराफ़िया पितृसत्ता
पूरी अशराफ़िया राजनीति ज़ज़्बाती मुद्दों की राजनीति रही है। सैकड़ों सालों से यह अपनी संस्कृति, अपनी भाषा, अपने...
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