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हिंदू नहीं, आदिवासी रीति-रिवाजों से हो जनजातियों की शादियां, छत्तीसगढ़ सरकार का फैसला

आदिवासियों का धर्म क्या है? क्या वे हिंदू, मुस्लिम या फिर ईसाई हैं? अधिकांश आदिवासी स्वयं को इनमें से कोई नहीं मानते। उनके मुताबिक उनका अपना धर्म और परंपराएं हैं। इन्हीं सवालों से संबंधित छत्तीसगढ़ सरकार के एक फैसले के बारे में बता रहे हैं तामेश्वर सिन्हा

आदिवासियों पर अलग-अलग धर्म थोपे जा रहे हैं। हाल के दशकों में हिंदू धर्म थोपने के प्रयासों में तेजी भी देखी गयी है। आदिवासियों को विभिन्न तरीकों से हिंदू धर्मावलम्बी बताए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन सबके बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने फैसला लिया है कि आदिवासी युगलों की शादी हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक नहीं बल्कि उनकी अपनी परपंरपराओं के अनुसार हो।

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लेखक के बारे में

तामेश्वर सिन्हा

तामेश्वर सिन्हा छत्तीसगढ़ के स्वतंत्र पत्रकार हैं। इन्होंने आदिवासियों के संघर्ष को अपनी पत्रकारिता का केंद्र बनाया है और वे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रिपोर्टिंग करते हैं

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