मीडिया विमर्श
अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल सभी लोग कर रहे हैं। लेकिन उन सभी पर हमले नहीं हो रहे हैं। हमले उन पर हो रहे हैं जो इस संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर संविधान के हिसाब से समाज को बनते देखना चाहते हैं। यानी संविधान को दो तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। एक तो संविधान के अनुरूप समाज को बनाने के लिए संविधान की धाराओं का इस्तेमाल किया जा सकता है तो दूसरे उन व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए संविधान का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि संविधान से पूर्व गुलामी और गैरबराबरी की स्थिति थी। अगर मौजूदा संदर्भों की भाषा में इसे समझने की कोशिश की जाय तो एक किसानी के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करना चाहता है तो दूसरा कंपनियों के हितों में अभिव्यक्ति की आजादी को बेच रहा है।